नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नॉर्थ-ईस्ट रीजन में कार्यरत IAS, IPS और IFS अधिकारियों को दिए जाने वाले प्रोत्साहन और विशेष भत्ते को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है. अखिल भारतीय सेवाओं के उत्तर-पूर्वी कैडर के अधिकारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों से अलग यह विशेष भत्ता, जो अपने मूल वेतन के 25 प्रतिशत के बराबर था, उसे वापस ले लिया गया है.
सरकार ने 10 फरवरी, 2009 को इस विशेष अनुदान के लिए एक आदेश जारी किया था, जिसे ‘अखिल भारतीय सेवाओं के उत्तर-पूर्व कैडर से संबंधित अधिकारियों के लिए विशेष भत्ता’ कहा जाता है. 3 अखिल भारतीय सेवाएं (AIS) हैं – भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और भारतीय वन सेवा (IFS).
इन सर्विसेज़ के ऑफिसर राज्य/राज्य या राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के कैडर में सेवाएं देते हैं. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 23 सितंबर, 2022 को एक संक्षिप्त आदेश में कहा कि सरकार ने नॉर्थ ईस्ट रीजन में काम कर रहे AIS अधिकारियों को दिए जा रहे विभिन्न प्रोत्साहनों/ विशेष भत्तों की समीक्षा के बाद उसे वापस लेने का फैसला किया है.
2007 और 2017 के बीच जारी चार आदेशों के माध्यम से अधिकारियों को प्रोत्साहन/ विशेष भत्ते दिए गए थे. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इस हालिया उपाय से सरकारी खजाने को भी कुछ पैसे की बचत होगी. 10 फरवरी 2009 के आदेश के अलावा 22 जनवरी 2007, 16 फरवरी 2009 और 5 सितंबर 2017 को जारी निर्देश भी वापस लिए गए हैं. जनवरी 2007 में जारी आदेश में रिटायरमेंट के बाद आवास से संबंधित प्रावधानों की जानकारी है.
कई सीनियर सिविल सेवा अधिकारियों ने सरकार के इस निर्णय पर चिंता व्यक्त की है. उनका कहना है कि सरकार ने बिना किसी सलाह-मशवरा के अचानक से ये एक तरफा फैसला कर लिया है. ये एक तरह से सेवा की शर्तों को बदलने जैसा है, जो किसी अधिकारी के ड्यूटी ज्वॉइन करने से पहले की जाती है. केन्द्र सरकार के खजाने पर इन भत्तों का कोई बहुत ज्यादा भार नहीं पड़ता है.