
बिलासपुर हाईकोर्ट ने अनिल कुमार टेंभेकर को दी अंतरिम राहत
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने दुर्ग आईटीआई के प्राचार्य अनिल कुमार टेंभेकर के स्थानांतरण मामले में राज्य सरकार को तगड़ा झटका देते हुए स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। जस्टिस बीडी गुरु की एकल पीठ ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई तक स्थिति को यथावत रखने का आदेश दिया है।
स्थानांतरण पर उठे सवाल, हाईकोर्ट ने दिए ये निर्देश
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टेंभेकर को हाल ही में दुर्ग से अंतागढ़ (जिला कांकेर) आईटीआई में स्थानांतरित किया गया था।
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याचिकाकर्ता ने स्थानांतरण को राज्य शासन की नीति के खिलाफ बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
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कोर्ट ने उन्हें 10 दिनों के भीतर वरिष्ठ सचिवों की समिति के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने का निर्देश दिया है।
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समिति को 20 दिनों के भीतर निर्णय लेने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्या है मामला? जानिए संक्षेप में
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अनिल कुमार टेंभेकर की उम्र 57 वर्ष है, और वे पहले 1998 से 2006 तक अनुसूचित क्षेत्रों में सेवा दे चुके हैं।
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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने दलील दी कि GAD का 3 जून 2015 का सर्कुलर स्पष्ट करता है कि
55 वर्ष से अधिक आयु वाले कर्मचारियों को दुर्गम क्षेत्रों में पुनः न भेजा जाए। -
इसके बावजूद उन्हें अंतागढ़ जैसे दुर्गम क्षेत्र में भेजा गया, जो नीति और नियमों के खिलाफ है।
शासन का जवाब और कोर्ट का रुख
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राज्य सरकार और रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग ने कहा कि स्थानांतरण नीति का पालन हुआ है।
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लेकिन हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की बातों में वज़न पाते हुए स्थानांतरण आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है।
