रायपुर|News T20: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नकली खाद बेचने के मामला सामने आया है। शहर से लगे सेजबहार बस्ती में किराए के गोदाम में छापामार कार्रवाई कर कृषि विभाग की टीम ने 500 बोरे से ज्यादा नकली खाद जब्त की है।दरअसल कृषि विभाग की टीम शिकायत मिली कि ग्राम दतरेंगा में दीक्षा सेल्स एंड मार्केर्टिंग दुकान का संचालक द्वारा नकली खाद का कारोबार किया जा रहा है। साथ ही यह कारोबार सेजबहार स्थित गोदाम से किया जाता है।
इस पर सहायक संचालक सुमीत सोरी के नेतृत्व में जिला कृषि विभाग की टीम पुलिस की मौजूदगी में दुकान और गोदाम में छापा मारा और इस पूरे कारोबार का भांडाफोड़ की। कार्रवाई के दौरान यूरिया, पोटाश और ग्रोमोर खाद से भरे पांच सौ से ज्यादा बोरे बरामद किए हैं। इनमें यूरिया खाद मिलावटी पाई गई है, वहीं पोटाश और ग्रोमोर के नकली होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि गोदाम में रखी सारी खाद जब्त कर ली गई है। इनके सैंपल जांच के लिए लैब भेजे जा रहे हैं। जांच के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गोदाम का ताला तोड़कर बनाई जब्ती
शिकायत की पुष्टि करने के लिए जब टीम दुकान पहुंची तो दुकान बंद मिली। इस पर टीम ने दुकान के संचालक से फोन पर संपर्क साधा, लेकिन संचालक मौके पर नहीं पहुंचा। फिर टीम गोदाम पहुंची, वहां भी ताला लगा हुआ था। इस पर टीम ने दुकान के मालिक रोहित कुमार बंछोर से मोबाइल पर संपर्क साधा और ताला तोड़कर यूरिया के 187, पोटाश के 12 और ग्रोमोर खाद के 12 बोरों के अलावा तीन सौ से ज्यादा अन्य खाद पाउडर जब्त किया।
तीन साल से चल रहा था कारोबार
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ग्राम दंतरेंगा निवासी अमित शर्मा ने वर्ष 2021 से खाद एवं कीटनाशक बेचने का लाइसेंस लिया था। वहीं नियमानुसार जहां दुकान हो वहीं गोदाम भी होना चाहिए, लेकिन उसने दुकान तो दंतरेंगा में खोली, जबकि गोदाम सेजबहार बस्ती स्थित एक किराए के दुकान को बना रखा था, जो कि नियम विरुद्ध है।
दूसरे राज्यों में भी कारोबार का संदेह
विभागीय सूत्रों के अनुसार अमित शर्मा मूलत: ग्वालियर मध्य प्रदेश का रहने वाला है। पिछले कई वर्षों से वह खाद का कारोबार रायपुर में रह कर रहा है। इससे आशंका जताई जा रही है कि नकली खाद का कारोबार राजधानी रायपुर के अलावा अन्य कई जिलों तथा राज्यों में भी फैला हो सकता है।
अमानक खाद बेचने के मामले में लाइसेंस निरस्त करने से लेकर कानूनी कार्रवाई भी करने का नियम है। फिलहाल सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं, इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।