रायपुर। छत्तीसगढ़ की पूर्व राज्यपाल अनुसुईया उइके के कार्यकाल के दौरान एक गंभीर जालसाजी का मामला सामने आया था। सितंबर 2019 में राज्यपाल के नाम से एक फर्जी पत्र वायरल हुआ था, जिसमें बीजेपी विधायकों की खरीद-फरोख्त की बातें लिखी गई थीं। इस पत्र पर राज्यपाल के दस्तखत भी नकली तरीके से किए गए थे।

शिकायत के बाद शुरू हुई थी जांच

इस फर्जी पत्र के सामने आने के बाद, अनुसुईया उइके के निर्देश पर उनके विशेष सचिव ने सिविल लाइन थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तत्काल FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

5 साल बाद आरोपी की गिरफ्तारी

करीब 5 साल की लंबी जांच के बाद, मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की पुलिस ने आरोपी अजय वर्मा उर्फ अजय रामदास को गिरफ्तार कर लिया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस अब उसे अपने कब्जे में लेने के लिए छिंदवाड़ा रवाना हो गई है।

आगे की कार्रवाई

आरोपी को जल्द ही छत्तीसगढ़ लाया जाएगा और उससे पूछताछ कर पूरे षड्यंत्र का पर्दाफाश किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि इस मामले से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

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