रायगढ़ से श्याम भोजवानी
लैलूंगा. लैलूंगा विधायक चक्रधर सिंह सिदार की लोकप्रियता बौखलाए विरोधियों के दात खट्टे करने के लिए विधान सभा की जनता तैयार हैं लैलूंगा विधानसभा जो की उद्योगों के नाम से पूरे प्रदेश में प्रचलित है। यहां की आधे मतदाता विकासखंड लैलूंगा में निवासरत है तो आधी तमनार और परिसीमन क्षेत्र रायगढ़ में निवास करती है खनिज संपदा से भरा हुआ यह विधानसभा पहाड़ों से घिरा भी घिरा हुआ है यहां के मतदाताओं को आजादी के बाद पहला ऐसा विधायक चक्रधर सिंह के रूप में मिला है जो पहले पंच से सरपंच फिर जनपद उपाध्यक्ष फिर जनपद अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य के बाद विधायक बने हैं.
लैलूंगा विधायक चक्रधर सिंह सिदार को क्षेत्र की जनता बहुत अधिक भाग्य मानती है प्रत्येक पंचवर्षीय के बाद इनका ओहदा सदैव ही बढ़ता रहा है खासबात है कि विधायक चक्रधर सिंह अभी तक एक भी चुनाव नही हारे है बताया जा रहा है कि विपक्ष के बड़े नेता कांग्रेस के लोकप्रिय विधायक चक्रधर सिंह के मुकाबले में अच्छा प्रत्याशी ठीक से नहीं ढूंढ ही नही पा रही है, गोंड बाहुल्य इस विधानसभा पर तीन पंचवर्षीय को छोड़ दे तो सदैव ही इस विधानसभा पर गोंड प्रत्याशियों का दबदबा रहा है।चक्रधर सिंह सिदार को राजनीति का बहुत बड़ा अनुभव है विपक्ष के नेताओं को किस तरह से अपने राजनीतिक चक्र में फसाना है वे भली भाती जानते है, विपक्ष भाजपा उनके सीधे साधे सरल और सहज व्यवहार का कोई काट नही ढूंढ पा रही है इसी लिए किसी प्रकार से उन्हें बदनाम करने के लिए डर्टी पॉलिटिक्स का उपयोग कर धन खर्च करके लोगो को बहला फुसला कर व्यर्थ का बयान बाजी करा रहे है। लेकिन जमीनी हकीकत यही है कि क्षेत्र के मतदाता भाजपा के इस मानसिकता को भली भाती समझ रहे है और इन स्वार्थी और चाटुकार नेताओ और पत्तल चाटूकारो को सबक सिखाने के लिए है तैयार बैठी है।