बिलासपुर [ News T20 ] | प्रियंका हत्याकांड का आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में है। पुलिस पूछताछ में कई चौकाने वाले खुलासे हुए है। हत्या करने से लेकर लाश छुपाने तक का राज उसने पुलिस के सामने उगला है। पुलिस ने कई साक्ष्य भी घटनास्थल समेत अन्य जगह से बरामद किए हैं।
भिलाई निवासी 24 वर्षीय प्रियंका सिंह बिलासपुर के टुटेजा ट्यूटोरियलस में कोचिंग करने आई थी। उसने यहां मेन्स की कोचिंग में एडमिशन लिया था। जिसका सेशन 7 मार्च से 20 अक्टूबर तक था। 20 अक्टूबर को प्रियंका का सिलेबस कोचिंग में पूरा हो गया था। जिसके बाद कोचिंग बंद हो गया। इस बीच दीपावली पर प्रियंका घर भिलाई भी गयी थी।
फिर वापस आ गयी। हालांकि वह दिसंबर में घर वापस लौटना चाहती थी। वापस आने के पीछे उसकी मंशा थी कि उसने जितनी भी रकम आशीष साहू को दी थी। उस रकम को वह वसूल कर दिसंबर तक घर जाना चाहती थी। आशीष शेयर मार्केट में घाटा होने की बात कह रकम वापस नही कर रहा था।
15 नवंबर को दोपहर प्रियंका ने घर पर अपनी माँ से बात की थी। उसने बताया कि उसने खाना खा लिया है और पढ़ने के लिए लाइब्रेरी जा रही है। प्रियंका ने 4 दिन पहले ही लाइब्रेरी जॉइन की थी। वह खुद से ही हॉस्टल के रूम में खाना बनाती थी। दोपहर को करीबन डेढ़ बजे जब प्रियंका आशीष के मेडिकल स्टोर पहुँची तो रकम की लेनदेन को लेकर उसका प्रियंका से विवाद हो गया और उसने गला घोंट कर प्रियंका की हत्या कर दी। प्रियंका की हत्या के बाद लाश दुकान के पीछे फ्रिज में छुपा दिया।
थाने पहुँचा था आशीष
प्रियंका का जब फोन 16 तारीख तक नही चालू हुआ तो उसके परिजन बिलासपुर पहुँचे तब उन्हें लेकर आशीष ही थाने पहुँचा था और प्रियंका की गुमशुदगी दर्ज करवाई। वह पुलिस व परिजनों के साथ मदद के नाम पर घूमता भी रहा। प्रियंका के भाई ने बताया कि जहां पर के सीसीटीवी में प्रियंका का फुटेज आने की संभावना थी वहां आरोपी ने उन्हें जाने से रोका और कहा कि उस घर के लोग ठीक लोग नही है सीसीटीवी नही देंगे।
उसने फ्रिज के पीछे लाश को छुपाया। गला दबाने से उसके नाक व मुँह से खून निकला था। जिसको उसने वाइपर से फिनायल डाल कर पोछा था। और बंडल से रुई निकाली थी। तारबाहर टीआई प्रदीप आर्य आज घटनास्थल पर आरोपी को लेकर पहुँचे। और वहां पहुँच कर रुई व वाइपर तथा फिनायल की बोतल को सबूत की बतौर जब्त भी किया।
प्रियंका के साथ ही उसकी सहेलियां भी दुकान के सामने स्कूटी पार्क करती थी। नाम नही छापने की शर्त पर प्रियंका की एक सहेली ने बताया कि हम अक्सर दो स्कुटीयो पर सवार होती थी। इसलिए एक स्कूटी आशीष की दुकान के सामने खड़ी कर देती थी। इस दौरान आशीष उनसे स्कूटी की चाबी ले लेता था। वह कहता था कि दुकान जिस मकान में किराए पर है उसके मालिक को कार निकालने में दिक्कत होती है तो स्कूटी हटाना पड़ता है। इस तरह से उसकी सहेलियों से भी आशीष परिचित था।
हत्या के दिन रात 8 बजे आशीष ने प्रियंका की एक सहेली को फोन लगा स्कूटी ले जाने को कहा। उसने बताया कि अभी तक प्रियंका आयी नही है और उसकी स्कूटी की चाबी मेडिकल में है तो ले जाये। प्रियंका की सहेली बिजी थी तो नही गयी तब आशीष ने 9बजे रात दुबारा फोन किया। तब उसकी सहेली ने एक अन्य सहेली को स्कूटी लाने भेज दिया।
प्रियंका की सहेली जब स्कूटी लेने गयी तो आशीष ने उसे स्कूटी की चाबी दी। उसकी सहेली जब स्कूटी लेकर जा रही थी तो आशीष ने आवाज देकर दुबारा बुलाया और उसका बैग भी दिया। प्रियंका की सहेली ने बताया कि दुकान में सुगंधित अगरबत्ती बडी मात्रा में जल रही थी, पर मुझे लगा कि दुकान बंद करने के समय पूजा की गई होगी।
खुलासे के बाद हिरासत में आरोपी आशीष ने कहा कि ” 11 लाख की रकम प्रियंका को चुकानी थी, बहस हुई तो रकम न देनी पडे इसलिए उसका गला घोंट दिया। 4 दिनों तक उसे समझ मे नही आ रहा था कि लाश कहा ठिकाने लगाये, पुलिस की सक्रियता एरिया में काफी बढ़ गयी थी तो दुकान से लाश निकाल भी नही पा रहा था। इसलिए 19 नवंबर को तड़के लाश को कार में भरकर घर ले आया और गाड़ी में ही लाश को रखा था। शाम को इत्मीनान से सोचता कि लाश को कैसे व कहां ठिकाने लगाए जिससे वह पकड़ा न जाये पर उससे पहले ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया”
रिश्तेदारों व परिचितों से उधार लेकर लगवाई रकम, ” एशटॉप” एप से रकम किया हत्यारे ने इन्वेस्ट:-
प्रियंका को पहले फायदा होने पर उसने अपने रिश्तेदारों समेत जान पहचान वालो से भी उधार लेकर कुल 11 लाख रुपये आशीष को दिए थे। जिसे उसने एसटॉप ऑनलाइन एप से शेयर में लगाये थे। प्रियंका ने अपने प्रेमी से भी तीन लाख रुपये उधार लिया था।
प्रियंका का प्रेमी भिलाई का ही था जो नागपुर में रेलवे में नौकरी करता था। दोनो एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। पुलिस पहले उसे भी जांच के दायरे में रख रही थी। आरोपी बोला कि उसे कुछ समझ मे ही नही आ रहा था कि लाश कहा ठिकाने लगाए। इसलिए उसे कार में घर ले गया। और डिक्की में ही छोड़ दिया जिसका पता उसके घर वालो को भी नही था।