भिलाई: भिलाई इस्पात संयंत्र ने एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड (एनएसपीसीएल) के साथ 15 मेगावाट क्षमता वाले फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पीपीए साइन किया गया। 9 मई, 2024 को इस्पात भवन में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र और एनएसपीसीएल के बीच, विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए। यह संयंत्र, बीएसपी के मरोदा-1 जलाशय में स्थापित किया जाएगा। यह छत्तीसगढ़ राज्य का पहला फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र होगा।

इस अवसर पर, भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता, कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) अंजनी कुमार, कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (परियोजनाएं) राजीव कुमार श्रीवास्तव और कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (वित्त एवं लेखा) देबेंद्र नाथ करण उपस्थित थे। साथ ही मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (लौह) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सेवायें) प्रबीर कुमार सरकार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) असित साहा, मुख्य महाप्रबंधक (विद्युत सुविधाएं) राजीव पांडेय, बिजनेस यूनिट प्रमुख (एनएसपीसीएल) एस चट्टोपाध्याय, महाप्रबंधक (ओएस-एनएसपीसीएल) त्रिदिब देब, महाप्रबंधक (प्रोजेक्ट-एनएसपीसीएल) आलोक सिंह और सेल-भिलाई और एनएसपीसीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सेल- भिलाई इस्पात संयंत्र की ओर से मुख्य महाप्रबंधक (पावर फैसिलिटीज) राजीव पांडेय और एनएसपीसीएल-भिलाई से बीयूएच (एनएसपीसीएल) एस चट्टोपाध्याय ने इस विद्युत खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अनुमान है कि इस संयंत्र से सालाना 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन विद्युत् का उत्पादन होगा। जिसका उपयोग बीएसपी अपनी कैप्टिव विद्युत् जरूरतों को पूरा करने के लिए करेगा। इससे बीएसपी के कार्बन उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की सम्भावना है।

एनएसपीसीएल, जो एनटीपीसी और सेल का एक संयुक्त उद्यम है, इस परियोजना के लिए परामर्शदाता के रूप में कार्य करेगा। निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है और ईपीसी अनुबंध को शीघ्र ही अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस परियोजना को वर्ष 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह एनएसपीसीएल की पहली सौर ऊर्जा परियोजना होगी और यह कंपनी के लिए ग्रीन ऊर्जा पोर्टफोलियो विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह बीएसपी को ग्रीन इस्पात उत्पादन की अपनी यात्रा को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। बीएसपी के इस परियोजना के तहत अगले चरण में एनएसपीसीएल के माध्यम से, 35 मेगावाट क्षमता वाले अतिरिक्त फ्लोटिंग सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की योजना प्रस्तावित है। इस परियोजना के लिए डीपीआर पहले ही तैयार कर लिया गया है और टेंडर प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने की संभावना है।

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