भिलाई: सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपने आधुनिक यूनिवर्सल रेल मिल (यूआरएम) से अप्रैल 2024 में आर 350 हीट-ट्रीटेड (एचटी) रेल की तीन रेक भेजे हैं। भारतीय रेलवे, अपना आधुनिकीकरण करने के साथ ही रेल परिवहन में उच्च गति और एक्सल लोड की ओर बढ़ रहा है जिसके लिए रेलवे, सेल से माइक्रो-अलॉय रेल और हीट-ट्रीटेड रेल दोनों की मांग कर रही है।
संयंत्र की यूनिवर्सल रेल मिल ने माइक्रो-अलॉय आर-260 ग्रेड रेल के नियमित उत्पादन के साथ-साथ, भारतीय रेलवे के स्पेसीफिकेशनों के अनुसार हीट-ट्रीटेड रेल की रोलिंग प्रारंभ कर दी है। भारतीय रेल नेटवर्क में जहाँ ट्रेनों का एक्सल लोड अधिक होता है और जहाँ ट्रेन तेजी से गति पकड़ती है और रूकती है उन हिस्सों में ट्रेनों के पहिये और पटरियों के बीच घर्षण अधिक होता है। रेल परिवहन के ऐसे हिस्सों में विशेष हीट-ट्रीटेड ग्रेड रेल सबसे उपयुक्त है।
सेल की अनुसंधान शाखा आरडीसीआईएस में कड़े परीक्षणों और भारतीय रेलवे की अनुसंधान शाखा आरडीएसओ से अनुमति के उपरान्त, अक्टूबर 2023 में यूनिवर्सल रेल मिल में आर 350 एचटी रेल का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हुआ। भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा 31 अक्टूबर 2023 को 260 मीटर लंबाई में आर350 एचटी रेल की 1000 टन की पहली खेप भारतीय रेलवे को भेजी गई।
सेल-बीएसपी से 20 अप्रैल 2024 को आर350 हीट-ट्रीटेड रेल के 60 पैनलों की दूसरी रेक भारतीय रेलवे को भेजी गई। इसके पश्चात अप्रैल 2024 में हीट-ट्रीटेड रेल के दो और रेक रोलिंग कर भारतीय रेलवे को भेजा गया, जिससे अब तक भेजे गए आर350 एचटी रेल के रेकों की कुल संख्या चार हो गई। प्रत्येक रेक में 1000 टन 260 मीटर लंबी रेल की लोडिंग कर प्रेषण किया गया।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र जो छह दशकों से अधिक समय से भारतीय रेलवे को वांछित ग्रेड में रेलों की आवश्यकता की पूर्ति कर रहा है, ने अपने यूनिवर्सल रेल मिल से विश्व की सबसे लंबी 130 मीटर रेल को सिंगल पीस में रोल कर, भारतीय रेलवे को 260 मीटर वेल्डेड रेल पैनलों में आपूर्ति करता है।
माइक्रो-अलॉयड रेल की आवश्यकता को पूरा करने हेतु, सेल-बीएसपी ने 60ई1 प्रोफाइल के साथ आर-260 रेल का एक नया ग्रेड विकसित किया था, जिसे जुलाई 2022 से रोलिंग कर भारतीय रेलवे को आपूर्ति किया जा रहा है। आर260 ग्रेड रेल के मानदंड और स्पेसीफिकेशन सेल-बीएसपी द्वारा पूर्व में उत्पादित ग्रेड-880 या यूटीएस-90 रेल और यहां तक कि यूरोपीय देशों में उपयोग की जाने वाली रेल के स्पेसीफिकेशन से भी कहीं अधिक कड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2024 में सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने “कॉम्बो रोलिंग” मोड में आर-260 रेल के 56 रेक डिस्पैच के साथ-साथ आर350 एचटी रेल के भी तीन रेक डिस्पैच किए। चैथे रेक हेतु एचटी रेल्स उत्पादन में प्रतिदिन औसतन 10 घंटे रोलिंग के साथ केवल तीन दिन का समय लगा। साथ ही पहली रेक हेतु की गई रोलिंग की तुलना में एचटी रेल की प्राइम स्वीकृति में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी श्री अनिर्बान दासगुप्ता व कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार तथा संयंत्र के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई चुनौतियों को पार करते हुए अप्रैल 2024 में आर350 एचटी रेल अभियान की सफलता हेतु यूआरएम की टीम के साथ-साथ संयंत्र की अनुसंधान और नियंत्रण प्रयोगशाला (आरसीएल), सेल की अनुसंधान शाखा आरडीसीआईएस और संयंत्र के एसएमएस-3, ए एंड डी, सी एंड आईटी, ट्रैफिक, राइट्स, ईटीएल, ईआरएस, सीआरएमई सहित सभी संबद्ध विभागों को बधाई दी है। मुख्य महाप्रबंधक (यूआरएम) श्री अनीश सेनगुप्ता ने इस उपलब्धि का श्रेय बीएसपी और सेल के विभिन्न विभागों और इकाइयों के टीम वर्क और नवाचार को दिया है।