
सौंफ: सिर्फ परंपरा नहीं, सेहत का खजाना
भारतीय किचन में सौंफ (Fennel Seeds) का इस्तेमाल न सिर्फ मसाले के रूप में होता है, बल्कि यह भोजन के बाद माउथ फ्रेशनर के रूप में भी सदियों से खाई जाती रही है। लेकिन इसके पीछे छिपा है एक बड़ा आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक कारण। हाल ही में विशेषज्ञों ने इसके जबरदस्त स्वास्थ्य लाभों पर रोशनी डाली है।
पाचन को दुरुस्त करती है सौंफ
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, सौंफ खाने से शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम्स एक्टिव हो जाते हैं, जिससे खाना जल्दी और आसानी से पचता है।

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गैस, अपच और पेट फूलने जैसी समस्याएं भी सौंफ से काफी हद तक कम हो जाती हैं।
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यह आंतों को भी मजबूत बनाती है और कब्ज की संभावना को घटाती है।
मुंह की दुर्गंध हटाए, दे फ्रेशनेस
नेचुरल माउथ फ्रेशनर के रूप में सौंफ बेहद असरदार मानी जाती है।
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यह बैक्टीरिया को खत्म कर मुंह की बदबू दूर करती है।
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खासतौर पर जब आप किसी सामाजिक या प्रोफेशनल मीटिंग में हों, तो सौंफ आत्मविश्वास भी बढ़ाती है।
एसिडिटी में राहत दिलाती है सौंफ
अगर आपको अक्सर एसिडिटी या सीने में जलन की समस्या रहती है, तो सौंफ आपके लिए एक आसान घरेलू उपाय है।
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इसमें पाए जाने वाले एल्कलाइन तत्व पेट के एसिड को बैलेंस करते हैं।
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नियमित सेवन से पेट में ठंडक मिलती है और जलन से राहत मिलती है।
भारी भोजन के बाद पेट को दे राहत
जब आप तला-भुना या ज्यादा खाना खा लेते हैं, तो पेट की मांसपेशियां तनाव में आ जाती हैं।
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सौंफ में पाए जाने वाले तत्व इन मांसपेशियों को रिलैक्स करते हैं।
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इससे पेट को आराम मिलता है और भारीपन की शिकायत नहीं होती।
BONUS: सौंफ का सेवन कैसे करें?
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रोजाना भोजन के बाद 1–2 चुटकी सौंफ चबाना फायदेमंद
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चाहें तो सौंफ को मिश्री के साथ खाएं
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गर्म पानी में सौंफ भिगोकर उसका पानी पीना भी सेहतमंद विकल्प है
