भिलाई [न्यूज़ टी 20] Tax-free bonds vs bank FDs: जमा पर कम ब्याज दर और शेयर बाजारों में उच्च अस्थिरता के बीच, टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट्स शॉर्ट टर्म के लिए डेट और लिक्विड फंड में निवेश की सलाह दे रहे हैं.
बढ़ती रेपो रेट और अस्थिरता की वजह से इक्विटी रिटर्न कम रहने की उम्मीद है. इसलिए, भारतीय परिवारों की बचत बैंक एफडी, सोना, छोटी बचत योजनाओं जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर जाने की उम्मीद है.
हालांकि, विशेषज्ञों की राय है कि उच्च आय वाले व्यक्ति जो टैक्स के दायरे में आ रहे हैं, उनके लिए टैक्स सेविंग बांड और मेच्योरिटी प्लान, बैंक एफडी से बेहतर विकल्प हैं.
उन्होंने कहा कि बैंक एफडी शॉर्ट टर्म में 5 प्रतिशत से अधिक रिटर्न नहीं देंगे, जबकि टैक्स सेविंग बांड किसी भी अवधि के लिए बैंक की सावधि जमा दरों की तुलना में 1.5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत अधिक रिटर्न देंगे.
टैक्स फ्री बांड में ब्याज ज्यादा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सिनर्जी कैपिटल सर्विसेज के एमडी , विक्रम दलाल ने टैक्स सेविंग बांड बनाम बैंक एफडी पर कहा “हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल के लिए मैं Tax free bonds और Target maturity Plans,
जैसे भारत बांड ईटीएफ का सुझाव दूंगा. बैंक एफडी आपको 5.5 फीसदी से 5.55 फीसदी रिटर्न देगी और टैक्स फ्री बांड जैसे
-भारत बांड ईटीएफ में 7.25 प्रतिशत का रिटर्न मिलेगा. बढ़ते ब्याज दरों के दौर में लंबे समय वाले डेट म्यूचुअल जैसे पीएसयू एंड बैंकिंग, इनकम या गिफ्ट बांड अच्छा रिटर्न दे सकते हैं.
सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश
उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ते रेपो रेट के दौर में निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्प देख रहे हैं, साथ ही ऐसा रिटर्न चाह रहे जहां वो महंगाई को मैनेज कर सकें. केंद्रीय पीएसयू बांड, जीओआई/एसडीएल सिक्योरिटीज और एएए रेटेड निजी क्षेत्र के बांड पसंदीदा निवेश विकल्प हैं.
आनंद राठी ग्लोबल फाइनेंस के सीईओ जुगल मंत्री ने कहा कि बढ़ती ब्याज दर व्यवस्था में टैक्स-फ्री बॉन्ड एक बेहतर विकल्प है. “निवेशक तीन बुनियादी मानदंडों के आधार पर डेट इंस्ट्रूमेंट का विकल्प चुनते हैं
– पूंजी की सुरक्षा, लिक्विडिटि और रेगुलर रिटर्न. एएए रेटेड सार्वजनिक क्षेत्र के बॉन्ड में सबसे अधिक सुरक्षा होती है. लिस्टेड होने पर इसमें से किसी भी समय निवेश किया जा सकता है और निकला जा सकता है. साथ ही एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है.