रायपुर / आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा शासकीय अस्पतालों को पंजीकृत करने वाला राज्य है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत महिलाओं के इलाज में भी छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है।
योजना के अंतर्गत उपचारित कुल हितग्राहियों में 58 फीसदी महिलाएं हैं। छत्तीसगढ़ महिलाओं को इतनी बड़ी संख्या मे इस योजना का लाभ देने वाला देश का शीर्ष राज्य है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज नई दिल्ली में आयोजित ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में प्रदेश को इन उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर स्वास्थ्य विभाग की समूची टीम को बधाई देते हुए उनकी पीठ थपथपाई है।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के चार वर्ष और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के एक वर्ष पूर्ण होने पर नई दिल्ली में 25 सितम्बर और 26 सितम्बर को आयोजित दो दिवसीय ‘आरोग्य मंथन’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले राज्यों को पुरस्कृत किया गया।
छत्तीसगढ़ की ओर से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव प्रसन्ना आर., स्टेट नोडल एजेंसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी-सह-संचालक स्वास्थ्य सेवाएं भीम सिंह, और राज्य नोडल एजेंसी के उपसंचालक डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने यह पुरस्कार ग्रहण किया।
राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से उपचारित कुल हितग्राहियों में 58 फीसदी महिलाएं हैं। छत्तीसगढ़ की इस उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। महिलाओं को इतनी बड़ी संख्या में योजना के माध्यम से उपचार देने में छत्तीसगढ़ देश में सबसे आगे है।
इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा प्रदेश को आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया है। इसके साथ ही आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन में छत्तीसगढ़ ने नौ हजार से ज्यादा शासकीय अस्पतालों का पंजीयन कर लिया है। इसके लिये भी राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने पर आयुष्मान उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया है।
क्या है डिजिटल मिशन –
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कॉर्ड के जरिए मरीज की जांच से संबंधित सारे दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। कॉर्ड के माध्यम से इन दस्तावेजों को किसी भी अस्पताल के चिकित्सक देख सकेंगे।
साथ ही अपने मोबाइल पर मरीज खुद भी अपनी जांच से संबंधित सभी दस्तावेज देख सकेगा। यह कॉर्ड मरीज को दस्तावेजी औपचारिकताओं से निजात दिलाएगा। छत्तीसगढ़ में इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।