घरघोड़ा नगर सहित क्षेत्र में शिक्षा विभाग मैं प्रचारित खबर को विकास खंड शिक्षा अधिकारी केपी पटेल ने खंडन करते हुए किसी के द्वारा दुर्भावना शरारती कृतिका प्रकाशित खबर को झूठी व भ्रामक बताया इस तरह के प्रचार प्रसार कर छवि को धूमिल करने का प्रयास कदाचित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा आरोप लगाने वाला कोई व्यक्ति हो शक्ति के सामने आने से भयभीत है यह तो चोर की दाढ़ी में तिनका के समान साबित हो गई किसी तरह का कोई शिकायत नहीं ना आवेदन नहीं आयोजक सामने प्रस्तुत नहीं कर विभाग कोबदनाम कर सकते क्योंकि दबाव बनाने का प्रयास किया जाना अपराध की श्रेणी में आता है l

निश्चिती इस तरह के तृप्त की जांच होनी चाहिए इस प्रकार से एक शासकीय विभाग को जिम्मेदार अधिकारी के ऊपर आरोप लगाना गलत है इस तरह के गलत कार्य में संलग्न है व्यक्ति सफल नहीं होगा डीईओ ने स्पष्ट रूप से प्रेस के संज्ञान में लाया की किसी तरह का कोई विवाद विभाग में नहीं हुआ है ना किसी तरह का कथन मेरे द्वारा किसी के द्वारा किया गया किसी असामाजिक तत्वों के द्वारा भ्रामक जानकारी देकर गुमराह किया जा रहा है डीईओ ने बताया कि शिक्षा विभाग को बदनाम करने की कोशिश किया जा रहा है विभाग द्वारा किसी भी तरह का गलत कार्यों का प्रस्ताव ना हुआ है ना होगा।

आपको बताना लाजमी है कि गद्दी में से एक समाचार पत्र में स्कूल जाने की जरूरत नहीं बी ई ओ से मिलो कमीशन दो और मौज करो शीर्षक से प्रकाशित समाचार घरघोड़ा बियर को घर बड़ा बी ओ केशव प्रसाद पटेल ने झूठा एवं भ्रामक बताया है। उन्होंने बताया कि विकृत मानसिकता का हो सकता है जो यह सब पर्दे के पीछे से किया है सामने नहीं आने का कारण साफ है यह जानबूझकर सिर्फ बदनाम कर दबाव बनाने की कोशिश में है विभाग की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से और असत्य एवं झूठा समाचार प्रकाशित करवा कर छवि को धूमिल करने की छवि को धूमिल करने की घटिया मानसिकता का परिचय दिया जो वह व्यक्ति इस घटिया सोच रखने वाले कभी सफल नहीं होंगे।

उन्होंने सभी पत्र अखबार नवी जों से निवेदन किया है कि बिना तथ्य जानकारी के किसी भी तरह से खबरों का प्रकाश निकता ना दिया जाए बीईओ पटेल ने बताया कि उक्त समाचार में उल्लेख किया गया है कि दूसरे ब्लॉक में जाकर उनकी सेवा पुस्तिका वहां के प्रभारी की जानकारी के बिना लाकर सुधार किया गया है यह सर्वथा असत्य निराधार है दूसरा यह कि संजय निकुंज नाम के अनुपस्थित शिक्षक का वेतन आहरित किया गया है इसके विषय में श्री पटेल ने बताया कि शिक्षक अपने स्वास्थ्य कारणों से नियमित विद्यालय नहीं आ पाता था इस कारण उसका वेतन रोका गया था।

इस कारण उसका वेतन रोका गया था दूसरे विकासखंड में पदस्थापना होने के उपरांत उक्त शिक्षक द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाण पत्र वह आवेदन पत्र के आधार पर शिक्षक के अवकाश खाते में जितना अवकाश जमा था और उतना ही विधिवत छुट्टी स्वीकृत कर उसे उतना ही वेतन दिया गया है इसमें किसी प्रकार का कोई नियम विरुद्ध कार्य नहीं किया गया है। तीसरा बिंदु यह की साद राम राठिया शिक्षक माध्यमिक शाला कोनी भावना पिछले 3 वर्ष से विद्यालय नहीं जाता है फिर भी उसका वेतन आहरित कर दिया गया है उक्त तथ्य को श्री पटेल ने असत्य करार दिया है उन्होंने आगे बताया कि उक्त शिक्षक को कई बार नोटिस दिया जा चुका है। उनके अनुपस्थित अवधि का नोटिस दिया भी जा चुका है।

सामने वाला व्यक्ति भी इसी विभाग से जुड़ा हुआ है जो सामने आकर लड़ाई को नहीं लग पा रहा है तो ऐसा दुष्प्रचार कर रहा है विकास खंड शिक्षा अधिकारी के नाम से शिकायत को कुल मिलाकर फर्जी करार दिया गया। मतलब तो यही होता है इस प्रकार किए गए फर्जी शिकायत के संदर्भ में जांच होती भी है तो शिकायतकर्ता बनकर कौन सामने आता है क्योंकि सूत्र बताते हैं कि इस नाम का कोई व्यक्ति सहरिया क्षेत्र में है ही नहीं चलिए कोई बात नहीं सांच को आंच नहीं। सत्य परेशान होता है पराजित है।

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