म्यांमार|News T20: म्यांमार में विद्रोही बलों और जुंटा-शासन के बीच बढ़ती लड़ाई के साथ ही पिछले कुछ दिनों में सैकड़ों सैनिक कथित तौर पर भारतीय सीमा पार कर पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम में घुस गए हैं.

इस आमद को देखते हुए मिजोरम की राज्य सरकार ने केंद्र को सतर्क करते हुए म्यांमार के सैनिकों को जल्दी से पड़ोसी देश में वापस भेजने का अनुरोध किया. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार सेना के कम से कम 600 सैनिक मिजोरम में घुस गए हैं. अपने ही देश में चल रही तेज झड़पों को देखते हुए इन सैनिकों ने मिजोरम राज्य के लांग्टलाई जिले में शरण ली. जवानों को फिलहाल असम राइफल्स कैंप में आश्रय दिया गया है.

यह घटनाक्रम पश्चिमी म्यांमार के राज्य रखाइन में एक जातीय हथियारबंद समूह अराकान आर्मी के भारत और बांग्लादेश की सीमा से लगे एक शहर पर कब्जा करने का दावा करने के बाद हुआ. जो म्यांमार की सैनिक सरकार के लिए ताजा बड़ा नुकसान है. मिजोरम सरकार ने केंद्र से इस मामले पर ध्यान देने का अनुरोध किया है. म्यांमार सैनिकों की बढ़ती आमद की ओर केंद्र का ध्यान आकर्षित करने की कोशिशों में हाल ही में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने शिलांग में पूर्वोत्तर परिषद की बैठक के पूर्ण सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उन्हें मौजूदा हालात के बारे में जानकारी दी.

मिजोरम का जल्द वापसी पर जोर

सूत्रों के हवाले से बताया गया कि गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने राज्य से म्यांमार सेना के जवानों की जल्द वापसी की जरूरत पर जोर दिया है. मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि लोग आसरा लेने के लिए म्यांमार से हमारे देश में भाग रहे हैं और हम मानवीय आधार पर उनकी मदद कर रहे हैं. म्यांमार के सैनिक राज्य में शरण लेने आ रहे हैं. लगभग 450 सैनिकों को फिलहाल वापस भेज दिया गया है.

तीन गुरिल्ला गुटों का हमला

अधिकारी म्यांमार के सैनिकों को सीमा पार करने के कुछ ही दिनों के भीतर वापस भेज रहे हैं. गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में म्यांमार की सैनिक सरकार को तीन जातीय अल्पसंख्यक गुरिल्ला समूहों एक साझा आक्रामक अभियान का सामना करना पड़ा रहा है. इन गिरोहों को थ्री ब्रदरहुड एलायंस के नाम से जाना जाता है. इस हमले के बाद से म्यांमार की सैनिक सरकार के सामने संकट शुरू हो गया है. गुरिल्ला गुटों का यह हमला पिछले साल अक्टूबर के अंत में शुरू हुआ था.

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