
रायपुर/ छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के साथ हो रहे युक्तियुक्तकरण में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक दमन के विरोध में शिक्षक साझा मंच ने प्रदेशव्यापी आंदोलन को और तेज़ करने का फैसला लिया है। आज आयोजित प्रदेश स्तरीय ऑनलाइन बैठक में सभी जिला, ब्लॉक और संकुल संचालकों ने आंदोलन को सफल बनाने पर एकजुटता दिखाई और आने वाले तीन चरणों के आंदोलन की रूपरेखा तय की।
आंदोलन की सफलता पर आभार, अब संघर्ष और तेज़
प्रदेश संचालकों मनीष मिश्रा, केदार जैन, संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे समेत अन्य ने कहा कि—
“राज्य सरकार ने पुलिस बल के माध्यम से शिक्षकों पर दबाव बनाकर जबरदस्ती काउंसलिंग करवाई। यह पूर्णत: अलोकतांत्रिक और तानाशाही रवैया है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वरिष्ठ शिक्षकों को अतिशेष घोषित कर दिया गया जबकि कनिष्ठ शिक्षकों को स्कूलों में रखा गया। साथ ही रिक्त पदों की जानकारी छिपाई गई, वरिष्ठता सूची जारी नहीं की गई, और अधिकारियों ने मनमानी की।

बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार: अधिकारियों पर गंभीर आरोप
संचालकों ने बताया कि अधिकारियों ने अपने पसंदीदा शिक्षकों को लाभ पहुंचाया, वहीं जिन स्कूलों से शिक्षकों को हटाया गया, उन्हीं स्कूलों में दूसरे शिक्षकों को पदस्थ कर दिया गया। यह स्पष्ट संकेत है कि युक्तियुक्तकरण में संगठित भ्रष्टाचार हुआ है।
तीन चरणों में चलेगा आंदोलन
7 जून: प्रेस कॉन्फ्रेंस रायपुर में
सभी प्रदेश संचालक राजधानी रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस कर भ्रष्टाचार के दस्तावेज़ उजागर करेंगे।
10 जून: सभी 33 जिलों में प्रदर्शन
प्रदेश के सभी जिलों में रैली व धरना प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
मांगें:
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युक्तियुक्तकरण रद्द किया जाए
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भ्रष्ट अधिकारियों को निलंबित व बर्खास्त किया जाए
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स्कूलों में 2008 का सेटअप पुनः लागू हो
13 जून: संभाग स्तरीय धरना
प्रदेश के सभी 5 संभागों में संभागायुक्त और संयुक्त संचालक (JD) को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
टेक्निकल कमेटी करेगी दस्तावेजीकरण
आंदोलन को प्रमाणों के साथ मजबूती देने हेतु चार सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन किया गया है, जो 146 विकासखंडों और 33 जिलों में भ्रष्टाचार के दस्तावेज़ एकत्र करेगी।
16 जून से शाला प्रवेश उत्सव का बहिष्कार
शिक्षक साझा मंच ने यह भी निर्णय लिया है कि 16 जून से शुरू होने वाले शाला प्रवेश उत्सव का बहिष्कार किया जाएगा।
