रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिहावा के रेस्टहाउस में विभिन्न समाज एवं संगठनों के पदाधिकारियों से भेंट-मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कई समाज के लोगों की मांग पर सामाजिक भवन के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत किए जाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौठानों में स्थापित किए जा रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार-व्यवसाय से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास सरकार कर रही है।

उन्होंने धोबी, लोहार, कुम्हार, गरदरिया, पटेल समाज के लोगों को भी रीपा से जोड़े जाने की बात कही। इस मौके पर धोबी समाज के प्रतिनिधि मण्डल ने समाज को बेहतरी के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे कार्याें की सराहना की और मुख्यमंत्री का आभार जताया। धोबी समाज के लोगों ने अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डडसेना समाज के प्रतिनिधि मण्डल के आग्रह पर सामाजिक भवन के निर्माण के लिए 20 लाख रूपए, कबीर समाज की मांग पर भैंसमुण्डी आश्रम के जीर्णोद्धार और पानी की व्यवस्था के लिए 5 लाख रूपए, संस्कार शाला भवन के निर्माण के लिए 15 लाख रूपए, कोष्टा समाज के भवन के लिए 15 लाख रूपए, ग्राम छिपली में हल्बा समाज के सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 25 लाख रूपए, सिख और सिंधी समाज के प्रतिनिधियों की मांग पर गुरूद्वारा में लंगर भवन के निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, साहू सदन में शेड निर्माण के लिए 15 लाख रूपए स्वीकृत किए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने नगरी ब्राम्हण समाज को 10 लाख रूपए, मुस्लिम समाज के सांस्कृतिक भवन के लिए 20 लाख रूपए, संत कबीर सेवा संस्थान मंदरोद को संत भवन निर्माण के लिए 10 लाख रूपए, ओसवाल भवन के समीप आहाता निर्माण एवं फ्लोरिंग कराने के लिए 10 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कोसरिया मरार पटेल समाज की 18 डिसमिल भूमि जो कि राम वन गमन पर्यटन परिपथ के दायरे में आ रही है उसके बदले जमीन देने के साथ ही सामाजिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सर्व यादव समाज सिहावा के आग्रह पर एक विशाल शेड का निर्माण कराए जाने की बात कही। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार के पात्र लोगों को रिक्तता के आधार पर शासकीय नौकरी दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए राज्य में 10 हजार पद आरक्षित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मुक्तिधाम में प्रकाश की व्यवस्था के लिए प्राक्कलन तैयार करने, ओड़िशा से लगे सीमावर्ती जंगल सोंधूर क्षेत्र में लकड़ी की अवैध कटाई पर सख्ती से रोक लगाने तथा सतनामी समाज के आग्रह पर सामुदायिक वन अधिकार पट्टा दिए जाने की कार्यवाही के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर गंधर्व समाज, इसाई समाज, श्वेताम्बर जैन समाज, कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट, अधिवक्ता संघ, राजपूत समाज, पिछड़ा वर्ग सामाजिक संगठन, प्रजापति ब्रम्हकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि, सरपंच संघ, छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी संघ, पेंशनर संघ सहित अन्य संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी मांगों के संबंध में चर्चा की। इस मौके पर प्रभारी मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि उपस्थित थें।

 

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