CBI से जांच की मांग: अमित जोगी ने उठाया बड़ा मुद्दा
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सीबीआई निदेशक को पत्र लिखकर 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कथित वित्तीय घोटाले की जांच की मांग की है। जोगी ने इस मामले को छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा सार्वजनिक संपत्ति घोटाला बताया है।
1.5 लाख करोड़ का कथित नुकसान – कौन‐कौन शामिल है?
अमित जोगी के अनुसार इस कथित घोटाले में शामिल हैं—
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नागरनार स्टील प्लांट की 26,000 करोड़ रुपये की संपत्ति
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बैलाडिला आयरन ओर खदानों का 85,000 करोड़ का मूल्य
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भविष्य के राजस्व में 40,000 करोड़ की अनुमानित हानि
कुल मिलाकर यह 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का मामला बनता है।
प्रधानमंत्री के सार्वजनिक वादे और रिपोर्ट में बड़ा विरोधाभास
जोगी ने अपने पत्र में एक गंभीर मुद्दा उठाया है—
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PM का 3 अक्टूबर 2023 का सार्वजनिक बयान: “नागरनार प्लांट का निजीकरण नहीं होगा”
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एनएमडीसी की 29 अक्टूबर 2025 की रिपोर्ट: “विनिवेश प्रक्रिया जारी है”
इस विरोधाभास ने मामले पर और सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेजी से हुई घटनाओं की टाइमलाइन
अमित जोगी के अनुसार घोटाले से जुड़ी मुख्य तिथियां इस प्रकार हैं:
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29 अक्टूबर 2025 – एनएमडीसी ने नागरनार स्टील प्लांट के 90% शेयर निजी कंपनी को बेचने की मंजूरी दी
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1 नवंबर 2025 – पर्यावरण मंत्रालय ने किरंदुल-अनकापल्ली स्लरी पाइपलाइन को मंजूरी दी
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7 नवंबर 2025 – इस्पात मंत्रालय ने पाइपलाइन को अंतिम मंजूरी दी
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9 नवंबर 2025 – गजट अधिसूचना जारी, 4 जिलों में भूमि अधिग्रहण शुरू
कोयला आयात और वित्तीय हेराफेरी पर भी आरोप
जोगी ने पत्र में दो और गंभीर आरोप जोड़े—
1. कोयला आयात घोटाला (120 करोड़)
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एक ऐसी अमेरिकी कंपनी से कोयला आयात का अनुबंध किया गया जो अस्तित्व में ही नहीं।
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जबकि छत्तीसगढ़ में स्वयं पर्याप्त कोयला उपलब्ध है।
2. वित्तीय आंकड़ों में गड़बड़ी
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अप्रैल–जून 2025 में 26 करोड़ का लाभ दिखाया गया
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लेकिन जुलाई–सितंबर 2025 में अचानक भारी घाटा दर्ज किया गया
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इसे जोगी ने जानबूझकर की गई “वित्तीय हेराफेरी” बताया।
कानूनी उल्लंघन के गंभीर आरोप
जोगी ने कहा कि यह पूरा मामला कई कानूनों का सीधा उल्लंघन है—
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भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988
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धन शोधन निवारण अधिनियम 2014
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पेसा कानून 1996
उन्होंने इसे “छत्तीसगढ़ की जनता के साथ ऐतिहासिक विश्वासघात” बताया।
CBI जांच और निजीकरण रोकने की मांग
अमित जोगी ने सीबीआई से तत्काल जांच की मांग के साथ ये प्रमुख मांगें भी रखीं—
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निजीकरण से जुड़े सभी प्रस्ताव तुरंत वापस हों
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एनएमडीसी स्टील के सीएमडी को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए
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नागरनार प्लांट को स्थायी रूप से सार्वजनिक इकाई घोषित किया जाए
जन आंदोलन की चेतावनी – 15 दिन का अल्टीमेटम
जोगी ने कहा है कि यदि 15 दिनों में उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) राज्यव्यापी जन आंदोलन शुरू करेगी।