वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेवी के लिए एक नया, बड़ा जंगी जहाज बनाने की योजना का ऐलान किया है। ट्रंप इसे बैटलशिप कह रहे हैं जो उनके गोल्डन फ्लीट बनाने के बड़े विजन का हिस्सा है। ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो रिजॉर्ट में घोषणा के दौरान दावा किया, “ये सबसे तेज, सबसे बड़े होंगे, और अब तक बनी किसी भी बैटलशिप से 100 गुना अधिक शक्तिशाली होंगे।”
उन्नत हथियारों से लैस होगा जहाज
ट्रंप के अनुसार इस श्रेणी का पहला जहाज USS डिफिएंट कहलाएगा। यह दूसरे विश्व युद्ध के समय की आयोवा-क्लास बैटलशिप से लंबा और बड़ा होगा। यह शिप हाइपरसोनिक मिसाइलो, न्यूक्लियर क्रूज मिसाइलों, रेल गन और हाई-पावर्ड लेजर से लैस होगी। ये सभी टेक्नोलॉजी नेवी की ओर से डेवलपमेंट के अलग-अलग स्टेज में हैं।
कितना होगा जंगी जहाज का वजन?
गोल्डन फ्लीट के लिए बनाई गई एक नई वेबसाइट के अनुसार, यह नया “गाइडेड मिसाइल बैटलशिप” आयोवा-क्लास बैटलशिप के लगभग बराबर आकार का होगा, लेकिन इसका वजन लगभग आधा, लगभग 35,000 टन होगा, और इसमें बहुत कम क्रू होंगे। इसके मुख्य हथियार मिसाइलें होंगी, ना कि बड़ी नौसैनिक तोपें।
कब शुरू होगा कंस्ट्रक्शन?
एक अमेरिकी अधिकारी ने योजनाओं पर चर्चा करने के लिए नाम ना छापने की शर्त पर बात की। अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि नए जहाज के लिए डिजाइन का काम अब चल रहा है और 2030 के दशक की शुरुआत में कंस्ट्रक्शन शुरू करने की योजना है।
यूएस नेवी ने रद्द की छोटे युद्धपोत की परियोजना
यह ऐलान ऐसे समय पर किया गया है जब नौसेना ने हाल ही में लागत और देरी के कारण एक छोटे युद्धपोत की परियोजना रद्द कर दी थी जिसमें बढ़ती देरी और लागत में बढ़ोतरी का हवाला दिया गया था। इसके बजाय एक कोस्ट गार्ड कटर के मॉडिफाइड वर्जन को चुनने का फैसला किया गया था जिसे हाल तक बनाया जा रहा था। नौसेना अपनी दूसरी परियोजनाओं, नए फोर्ड-क्लास एयरक्राफ्ट कैरियर और कोलंबिया-क्लास पनडुब्बियों को भी समय पर और बजट के अंदर बनाने में नाकाम रही है। इस बीच, नेवी को उन कुछ टेक्नोलॉजी को इस्तेमाल में लाने में भी मुश्किल हो रही है जिनके बारे में ट्रंप कहते हैं कि वो नए जहाज पर होंगी।
बड़ा ऐलान लेकिन समस्या भी कम नहीं
नेवी ने एक शिप पर रेल गन लगाने की कोशिश में सैकड़ों मिलियन डॉलर और 15 साल से ज्यादा समय खर्च किया गया, लेकिन आखिरकार 2021 में इस कोशिश को छोड़ दिया गया। लेजर टेक्नोलॉजी को हाल के सालों में नेवी के जहाजों पर जगह बनाने में अधिक सफलता मिली है, लेकिन इसका इस्तेमाल अब भी सीमित है। एक सिस्टम जिसे ड्रोन सेंसर को अंधा या बेकार करने के लिए डिजाइन किया गया है, वह 8 साल के डेवलपमेंट के बाद अब 8 डिस्ट्रॉयर पर लगा हुआ है। न्यूक्लियर क्रूज मिसाइल कैपेबिलिटी डेवलप करना या उन्हें जहाजों पर तैनात करना भी उन नॉन-प्रोलिफरेशन संधियों का उल्लंघन कर सकता है जिनपर अमेरिका ने रूस के साथ साइन किए हैं।
बैटलशिप के बारे में जानें
बैटलशिप का इस्तेमाल एक बहुत ही खास तरह के जहाज के लिए किया जाता था जो बड़ा, भारी कवच वाला होता था। इसमें बड़ी-बड़ी तोपें लगी होती थीं जिन्हें दूसरे जहाजों या किनारे पर मौजूद ठिकानों पर बमबारी करने के लिए डिजाइन किया गया था। इस तरह के जहाज दूसरे विश्व युद्ध के दौरान खासा मशहूर थे और अमेरिका के सबसे बड़े बैटलशिप, आयोवा-क्लास, लगभग 60,000 टन के थे। दूसरे विश्व युद्ध के बाद, आधुनिक बेड़े में बैटलशिप की भूमिका एयरक्राफ्ट कैरियर और लंबी दूरी की मिसाइलों के आने से तेजी से कम हो गई। अमेरिकी नौसेना ने 1980 के दशक में 4 आयोवा-क्लास बैटलशिप को क्रूज मिसाइलों और एंटी-शिप मिसाइलों के साथ-साथ आधुनिक रडार लगाकर आधुनिक बनाया था, लेकिन 1990 के दशक तक उन सभी को सेवा से हटा दिया गया था।