Malmaas 2023 kab se hai: हिंदू धर्म में सावन के महीने को बेहद पवित्र महीना माना गया है. सावन महीना भगवान शिव को समर्पित है. इस बार सावन महीने में अधिकमास पड़ रहा है. अधिकमास को पुरुषोत्तम मास या मलमास भी कहते हैं. अधिकमास में भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. कह सकते हैं कि मलमास का ये महीना भगवान विष्णु की कृपा पाने का विशेष महीना होता है. इस बार अधिकमास पर एक अद्भुत संयोग बन रहा है, जो कि 19 साल बाद बन रहा है.
अधिकमास पर अद्भुत संयोग
हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार सावन का अधिक मास 18 जुलाई 2023 से शुरू होगा और 16 अगस्त 2023 तक चलेगा. यह कमाल का संयोग है कि इससे पहले साल 2004 में भी सावन में अधिकमास आया था और उस समय भी अधिकमास 18 जुलाई से शुरू होकर 16 अगस्त तक चला था.
…इसलिए पड़ता है अधिक मास?
हिंदू धर्म में सौर मास और चंद्र मास के आधार पर गणनाएं होती हैं. चंद्र वर्ष 355 दिन का होता है और सौर वर्ष 365 दिन का. इस तरह एक साल में चंद्र और सौर वर्ष में 10 दिन का अंतर आ जाता है. 3 साल में ये अंतर बढ़कर 10 से 11 दिन का हो जाता है. इस अंतर को समायोजित करने के लिए ही हर 3 साल में अधिकमास पड़ता है. इस बार अधिकमास सावन में पड़ रहा है, जिससे सावन महीना एक की बजाय दो महीनों का होगा. इससे सावन सोमवार भी 4 की बजाय 8 पड़ेंगे.
अधिकमास के कारण सारे त्योहारों में होगी देरी
अधिकमास के कारण इस बार जुलाई महीने के बाद पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों में आम वर्षों की तुलना में 15 से 20 दिन की देरी होगी. उदाहरण के लिए आमतौर पर रक्षाबंधन का त्योहार 10 से 15 अगस्त के बीच पड़ता है लेकिन इस साल यह 31 अगस्त को पड़ेगा. इसके अलावा गणेशोत्सव, पितृ पक्ष, नवरात्रि, दशहरा और दिवाली भी सामान्य से 15-20 दिन देरी से पड़ेंगे.