छतरपुर (मध्यप्रदेश) – मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित प्रकाश बम्हौरी गांव के जंगलों में एक प्राचीन चंदेलकालीन महल स्थित है, जिसे वीर आल्हा-ऊदल का निवास स्थान माना जाता है। यह महल आज भी अपनी ऐतिहासिक कहानियों और गुप्त सुरंग के रहस्यों को संजोए हुए है।

आल्हा-ऊदल का ऐतिहासिक संबंध इस महल से

गांव के बुजुर्गों के अनुसार, यह महल उस काल का है जब आल्हा-ऊदल जैसे वीर योद्धा चंदेल वंश के लिए युद्ध किया करते थे। कहा जाता है कि इसी महल में कभी राजा-रानी और आल्हा-ऊदल भी निवास करते थे। यह किला एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है, जिसके पास एक बड़ा तालाब और घुइंयारानी का प्रसिद्ध स्थल भी मौजूद है, जहां कभी मेला लगा करता था।

आज जर्जर हाल में है ऐतिहासिक धरोहर

स्थानीय युवाओं का कहना है कि पहले यह महल पूरी तरह सुरक्षित और आकर्षक था। पर्यटक भी यहां दूर-दूर से आते थे। लेकिन अब यह किला ध्वस्त हालत में पहुंच गया है। पुरातत्व विभाग की लापरवाही और चोरों की खुदाई से महल का स्वरूप बिगड़ चुका है। 10 साल पहले विभाग की टीम तो आई थी, लेकिन उसके बाद कोई संरक्षण कार्य नहीं हुआ।

महल की सुरंग से जुड़ी रहस्यमयी कहानी

सबसे दिलचस्प तथ्य यह है कि इस महल में एक गुप्त सुरंग मौजूद है, जो सीधे उत्तरप्रदेश के महोबा (20 किमी दूर) तक जाती थी। इतिहासकार और ग्रामीण बताते हैं कि इसी सुरंग से आल्हा-ऊदल बिना किसी को दिखे महोबा रियासत जाया करते थे। अब यह सुरंग पूरी तरह बंद कर दी गई है क्योंकि यह बेहद पुरानी और खतरनाक हो चुकी है। अंदर सांप-बिच्छू जैसे जीव भी पाए जाते हैं।

संरक्षण की मांग उठी

स्थानीय लोगों ने मांग की है कि इस ऐतिहासिक महल को राज्य पुरातत्व विभाग के संरक्षण में लिया जाए ताकि इसे बचाया जा सके और इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *