कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले से हत्या का खौफनाक मामला सामने आया है. पिछले चार दिनों से लापता शिक्षिका की सड़ी-गली लाश केशकाल घाटी में मिली है. पुलिस ने शव को बरामद कर पीएम के लिए भेज दिया है. मामले की जांच के दौरान चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शिक्षिका सपना विश्वकर्मा अपने प्रेमी रामा आशीष उपाध्याय के साथ लाइव इन कवर्धा में रहती थी.

इस बीच दोनों के बीच विवाद हुआ और प्रेमी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर युवती को मौत के घाट उतारा और जब पुलिस आरोपी तक पहुंचना चाही तो आरोपी ने बेमेतरा में जाकर शिवनाथ नदी में कूदकर जान दे दी. बताया जा रहा है की दोनों ही शादीशुदा थे. छत्तीसगढ़ के 4 जिलों में उलझे इस खौफनाक मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने के लिए पुलिस को सीडीआर से महत्वपूर्ण जानकारी मिली, जिसके आधार पर पुलिस ने इस सनसनीखेज हत्या को अंजाम देने वाले को सलाखों के पीछे भेज दिया है.

कवर्धा के युवती की लाश केशकाल घाटी में मिलने के बाद तत्काल पुलिस हरकत में आई और सबसे पहले दुर्ग में रहने वाले उसके लिव इन पार्टनर को शक के दायरे में रखा. इस बीच पुलिस को कॉल डिटेल्स के रिकार्ड में एक और युवक का पता चला जिससे आरोपी युवक की लगातार बात हो रही थी. पुलिस ने अपनी जांच में सबसे पहले मुख्य आरोपी के साथी को उठाया, जिससे इस पूरे हत्याकांड का खुलासा हुआ.

मुख्य आरोपी के साथी ने पुलिस को बताया कि आशीष उपाध्याय और सपना विश्वकर्मा कवर्धा में किराये का मकान लेकर लिव इन में रहते थे. लेकिन किसी बात को लेकर बीच झगड़ा हो गया और सपना को मौत के घाट उतारने का प्लान बनाया. इस घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी आशीष उपाध्याय और उसका पहले कवर्धा पहुंचे और उन्होंने सपना को अपने साथ गाड़ी में बैठाया और बेमेतरा चले गए, जहां उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया.

इसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए दोनों केशकाल घाटी पहुंचे जहां उन्होंने सपना की लाश को घाटी में फेंका. आरोपियों 1, 2 नहीं बल्कि 3 बार में युवती को इतनी गहराई में फेंका, जिससे किसी राहगीर को लाश की बदबू भी न आए. इसके बाद फिर वहां से दोनों आरोपी वापस दुर्ग लौट आए.

इधर परिजनों ने 8 अगस्त को दशरंगपुर चौकी में सपना विश्वकर्मा की लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो आशीष उपाध्याय और सपना विश्वकर्मा के लिव इन में रहने की बात का पता चला. फिर पुलिस उस घर में पहुंची जहां दोनों किराये से रहते थे. मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि दोनों के बीच अक्सर किसी बात को लेकर झगड़ा होता था. फिर वहीं से मकान मालिक ने किराये लेने के लिए आरोपी को फोन लगाया. लेकिन वहीं आरोपी सचेत हो गया कि रेंट के लिए कभी फोन न करने वाले मकान मालिक ने अचानक फोन कैसे कर दिया.

इसी बीच कवर्धा के पुलिस हेड कॉन्स्टेबल ने भी आरोपी को फोन किया। हेड कांस्टेबल ने आरोपी को अपना नाम और पद नहीं बताया लेकिन ट्रू कॉलर से आरोपी को पुलिस का पता चल गया. इसके नाद आरोपी को लगा कि उसके किये गए गुनाह का पुलिस को पता चल जाएगा इसलिए उसने अपने पकड़े जाने के डर से शिवनाथ नदी में छलांग लगा दी, जिसकी लाश बेमेतरा पुलिस ने बरामद किया.

इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक के साथी को हिरासत में लिया जिससे कड़ी पूछ्ताछ में उसने अपना गुनाह कबुल कर लिया. इस तरह पुलिस ने इस पूरे मर्डर मिस्ट्री को सुलझा लिया. इस पूरे मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने में पुलिस इस बात पर भी उलझी रही कि आखिर आरोपी ने अपने ही साथ लिव इन में रहने वाली सपना विश्वकर्मा को मौत के घाट क्यों उतारा.

जांच जब आगे बढ़ी तो पुलिस को पता चला कि सपना और आशीष पहले से ही शादीशुदा थे और दोनों शादी करना नहीं चाह रहे थे. क्योंकि लड़का ब्राम्हण था और लड़की लोहार थी. लेकिन ऐसा क्या हुआ दोनों के बीच की लड़के (आशीष) ने उसे मौत के घाट उतार दिया. ये शायद अब रहस्य ही रह जायेगा.

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