रायपुर। आखिरकार 16 साल बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट की राह खुली है। इससे पहले 2008 में अस्तित्व में आने के बाद से ही लगातार यहां से सांसद बन चुके बृजमोहन अग्रवाल को टिकट दिया जाता रहा और वे लगातार यहां से जीत हासिल करते रहे। अंतत: सांसद बनने के बाद उन्होंने अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में अब भाजपा में इस सीट से दावेदारों की होड़ सी लग गई है। अब तक तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा भाजपा के वरिष्ठ नेता, पार्षद सहित छात्र संगठन के युवा नेता अपनी-अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।
वहीं, कुछ इसी तरह का हाल कांग्रेस में भी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। बृजमोहन के बाद अब कांग्रेस इस सीट को हथियाने के सपने संजो रही है। साथ ही बृजमोहन से मुंह की खाने वाले प्रत्याशी से लेकर नए लोगों ने भी अपनी दावेदारी ठोकने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच निर्वाचन आयोग के नियमानुसार विधायक के इस्तीफा देने के बाद छह महीने के भीतर उक्त सीट पर चुनाव करवाने का नियम है। ऐसे में दिसंबर से पहले किसी अन्य राज्य में चुनाव के साथ यहां भी उपचुनाव करवा लिया जाएगा।
मंत्री पद के लिए भी दावेदारी शुरू
बृजमोहन के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद छह महीने के भीतर या मुख्यमंत्री मंत्री व केबिनेट के निर्णय पर मंत्री पद भी खत्म हो जाएगा। ऐसे में अब रायपुर से ही विधायकों के मंत्री बनने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। जिसमें रायपुर उत्तर से विधायक पुरंदर मिश्रा, धरसींवा विधायक अनुज शर्मा, आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब के मंत्रीमंडल में शामिल होने के संभावित चेहरे हैं। वहीं, विष्णुदेव साय की सरकार में एक मंत्री पद पहले से ही खाली पड़ा हुआ है, जिसके लिए विभिन्न संभागों से पूर्व मंत्री व वरिष्ठ विधायक के नाम पर भी मुहर लग सकती है।