
लगातार बढ़ते तापमान और लू के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। कलेक्टर श्रीमती नुपूर राशि पन्ना के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर. के. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि तापमान में तेज़ी से वृद्धि होने के कारण हीट स्ट्रोक लू का खतरा काफी बढ़ गया है, जिससे बचने के लिए सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि गर्मी के मौसम में अत्यधिक तापमान शरीर के थर्माेरेगुलेटरी सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे लू लगने, हीट एक्सहॉशन, चक्कर, उल्टी और बेहोशी जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति अधिक खतरनाक हो सकती है क्योंकि इनकी शरीर की तापमान नियंत्रित करने की क्षमता कम होती है।

लू लगने के प्रमुख लक्षण
सिर में भारीपन और तेज दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर आना, उल्टी होना, कमजोरी और शरीर में दर्द, अधिक तापमान के बावजूद पसीना न आना, अत्यधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख में कमी और बेहोशी
बचाव के उपाय
आवश्यकता न हो तो दोपहर में बाहर निकलने से बचें, बाहर निकलते समय सिर व कान को कपड़े से ढंकें, अधिक मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें, हल्के रंग के, सूती व हवादार कपड़े पहनें, अधिक पसीना आने पर ओआरएस का घोल पिएं, छाया में रहें, फलों का रस, लस्सी, मठा आदि लें, लक्षण दिखने पर तुरंत 104 आरोग्य सेवा या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें
प्रशासन की तैयारी पूरी
जिले के सभी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में ओआरएस घोल और जीवनरक्षक दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सीएमएचओ और जिला कार्यक्रम प्रबंधक की निगरानी में स्वास्थ्य सेवाएं अलर्ट मोड पर संचालित की जा रही हैं। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि गर्मी के इस मौसम में लू से बचाव के सभी उपाय अपनाएं और किसी भी असामान्य लक्षण की स्थिति में तत्काल स्वास्थ्य सेवा केंद्र से संपर्क करें।
