रायपुर

बाल अधिकारों की रक्षा में युवाओं की सक्रिय भूमिका

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम ने कहा है कि बाल अधिकारों की रक्षा में युवाओं की महत्वपूर्ण और सक्रिय भूमिका है। उन्होंने नशामुक्ति, मोबाईल की लत और अन्य कई सम-सामयिक मुद्दों की ओर भी ध्यान आकृष्ट करते हुए विद्यार्थियों से भारतीय समाज की आदर्श परंपराओं का पालन करने की अपील की। वे आज यहां एमिटी युनिवर्सिटी रायपुर के सभागार में गुरुवार को बाल अधिकारों के संरक्षण पर आहवान नामक जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।

वाईस चांसलर डॉ. पीयूष कांत पाण्डेय ने कहा कि राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग बाल अधिकारों की रक्षा के क्षेत्र में बहुत ही जागरूकता के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने छात्रों से बाल अधिकारों को समझ कर बच्चों के सर्वाेत्तम हित में कार्य करने की अपील की। आयोग के सचिव प्रतीक खरे द्वारा बाल अधिकारों का महत्व, अधिकार आधारित दृष्टिकोण बनाये रखने तथा बच्चों के अधिकार व प्रचलित कानूनों पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने छात्रों को बच्चों से बात करने और उनकी निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास आदि को विकसित करने के तरीके भी बताए।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में वाईस चांसलर प्रोफेसर डॉ. पीयूष कांत पाण्डेय और आयोग की सदस्य श्रीमती पुष्पा पाटले सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल  हुए। बाल अधिकार पर कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के भाषा, फैशन और मनोविज्ञान विभाग द्वारा किया गया था। कार्यक्रम में विधि, मीडिया तथा संचार विभाग ने सक्रियता के साथ सहभागिता की। कार्यक्रम में युनिवर्सिटी ने बाल अधिकार के क्षेत्र में और बेहतर कार्य करने की प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डिप्टी प्रो वाईस चांसलर डॉ. सुरेन्द्र रहमतकर, प्रो. डॉ. बोधिसत्व आचार्य डायरेक्टर विधि विभाग, प्रो. डॉ. इंद्राणी सिंह राय तथा अन्य फैकल्टी मेम्बर उपस्थित थे।

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