
पटवारी, बाबू और कोटवार रिश्वत लेते पकड़े गए, तहसील और राजस्व विभाग में हड़कंप
रायपुर/दुर्ग। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही एसीबी (ACB) की मुहिम ने 3 जुलाई 2025 को बड़ा झटका दिया। एक ही दिन में दो जगहों पर कार्रवाई करते हुए ACB ने तीन अधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। ये मामले रायपुर और दुर्ग जिले के हैं, जिसमें एक पटवारी, एक बाबू और एक कोटवार शामिल हैं।
दुर्ग में 17,500 की रिश्वत लेते पकड़ा गया तहसील कार्यालय का बाबू
शिकायतकर्ता झनेन्द्र कुमार ने ACB रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने ग्राम टेकापारा में जमीन खरीदी है, जिसका नामांतरण कराने के लिए बोरी तहसील के बाबू वीरेन्द्र तुरकाने ने ₹20,000 की मांग की।

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सत्यापन के बाद सौदा ₹17,500 में तय हुआ।
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3 जुलाई को ट्रैप कार्रवाई में बाबू को रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा गया।
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उस पर धारा 7, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया।
रायपुर: पटवारी और कोटवार की जोड़ी ने मांगे थे ₹8,000, दोनों गिरफ्तार
प्रार्थी जयवर्धन बघेल ने ACB से शिकायत की थी कि उन्होंने गोतियाडीह गांव में जमीन खरीदी है और नामांतरण के लिए पटवारी पुष्पेन्द्र गजपाल और कोटवार गौतम कुमार ने ₹8,000 रिश्वत की मांग की।
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3 जुलाई को ट्रैप ऑपरेशन में दोनों को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।
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उन पर धारा 7 और 12, पीसी एक्ट 1988 (संशोधित 2018) के तहत कार्रवाई की गई है।
ACB की ताबड़तोड़ कार्रवाई से विभागों में मचा हड़कंप
एक ही दिन में दो कड़े एक्शन से राजस्व और तहसील विभाग में हड़कंप मच गया है। ACB ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।
