बागपत: अरे ऐसा भी होता है क्या! ये कैसा गांव है, जहां हर किसी का नाम एक जैसा है. चाहे महिला हो या पुरुष, इस गांव में रहने वाले हर इंसान के नाम में राम या कृष्ण शामिल होता है. इस गांव का नाम है इदरीशपुर, जो बागपत जिले में आता है. लोग रोजाना भक्ति में डूबे रहते हैं. भक्ति का ही असर है कि पूरे गांव में कोई मांस तक नहीं खाता. आइए जानते हैं इस खास अनोखे गांव के बारे में.

बागपत का इदरीशपुर गांव  

बागपत जिले में इदरीशपुर नाम का एक गांव है. जहां के प्रत्येक व्यक्ति के नाम में श्री राम और श्री कृष्ण शामिल है. घरों में रोजाना प्रभु की आरती की जाती है. घंटों पूरा गांव प्रभु के लिए भजन किर्तन करता रहता है. इस गांव में 15 से ज्यादा कुटियां हैं, जहां हर सप्ताह रामचरितमानस का पाठ और अन्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं.

यहां कोई नहीं खाता मांस

ग्रामीण सतबीर सिंह ने बताया कि इदरीशपुर भगवान राम की नगरी है. यह गांव प्राचीन समय से ही बड़े और सिद्ध संतों का निवास स्थान रहा है. उन्हीं संतों की प्रेरणा से यहां ग्रामीणों में प्रभु के प्रति इतना लगाव हो गया. उन्होंने बताया कि इस पूरे गांव में कोई भी व्यक्ति मांस-मदिरा का सेवन नहीं करता है. यहां हर साल भगवत और राम कथा का आयोजन किया जाता है.

हर रोज होता है किर्तन

सभी के नाम प्रभु के नाम पर रखा गया है. यहां महीने में एक बार रामायण का पाठ चलता है और कीर्तन हर रोज होता है. इस गांव में कोई भी नशे का सेवन नहीं करता. सभी लोग भक्ति में लीन रहते हैं. इस गांव में करीब 15 कुटी हैं. एक बड़ा आश्रम है. लोग यहां पूजा अर्चना करते हैं और बड़े-बड़े संत इस गांव में रहकर लोगों को भक्ति के प्रति जागरूक करते रहे हैं. लोगों में भगवान राम और भगवान श्री कृष्ण के प्रति बड़ी आस्था है. बच्चों को शुरू से ही भक्ति के संस्कार दिए जाते हैं, जिससे यह गांव भगवान श्री कृष्ण, भगवान श्री राम का गांव कहा जाता है.

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