नगर निगम रिसाली में आर्थिक अनियमित्ता का मामला सामने आया है। यहां जिस ठेकेदार के फर्म का खाता शासन ने सीज किया है, निगम ने उसकी पत्नी के सेविंग अकाउंट में भुगतान कर दिया है। निगम आयुक्त का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार से शपथ पत्र लिया है, इसके बाद उनकी सहमति पर भुगतान किया है। वहीं इस मामले की शिकायत रिसाली निगम के सभापति केशव बंछोर ने कलेक्टर दुर्ग से की। इसके बाद कलेक्टर ने मामले में जांच बैठा दी है। सभापति केशव बंछोर ने कलेक्टर दुर्ग पुष्पेंद्र मीणा को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि निगम आयुक्त नि नियम विरुद्ध सफाई ठेकेदार मेसर्स पीवी रमन को भुगतान किया है। उन्होने कहा कि पहले तो रिसाली निगम ने ठेकेदार पीवी रमन को गलत तरीके से सफाई के ठेके दे दिया।
जब उसके द्वारा दिए गए झूठे सपथ पत्र की बात सामने आई तो निगम ने उसका अनुबंध निरस्त कर ठेका कैंसल किया। साथ ही साथ उसके खिलाफ नेवई थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई। पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही रही थी कि ठेकेदार द्वारा निगम के सफाई कर्मचारियों के पीएफ की राशि में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ। इसकी शिकायत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन रायपुर में की गई तो विभाग ने जांच शुरू कर ठेकेदार के फर्म का बैंक खाता सीज कर दिया। इसके बाद भी रिसाली निगम के आयुक्त आशीष देवांगन ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए उसकी पत्नी के बचत खाता में करीब 26.48 लाख रुपए का भुगतान कर दिया।
पुलिस ने अब तक नहीं दर्ज की एफआईआर
मेसर्स पीवी रमन ने रिसाली नगर निगम में झूठा शपथ पत्र देकर ठेका लिया था। उसने धमतरी में ब्लैक लिस्ट होते हुए भी रिसाली में झूठा शपथ पत्र देकर ठेका लिया था। सामान्य सभा में जब यह मुद्दा उठा तो सभापति केशव ने ही जांच का निर्देश दिया था। आयुक्त आशीष देवांगन ने जांच किया और ठेकेदार को दोषी पाया गया। उसके बाद ठेकेदार का अनुबंध निरस्त करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर के लिए नेवई थाने को पत्र लिखा गया था, लेकिन अब तक मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
सामान्य सभा के अगले ही दिन कर दिया ठेकदार को भुगतान
नगर निगम रिसाली की सामान्य सभा 19 जनवरी हुई थी। ठेकेदार पर फर्जीवाड़ा का आरोप लगा था। इसके बाद भी अगले ही दिन निगम आयुक्त ने करीब 66 लाख रुपए का भुगतान ठेकेदार को कर दिया। इसके बाद 25 फरवरी को करीब 40 लाख रुपए का भुगतान किया गया। यही नहीं ठेकेदार के फर्म का खाता जब केंद्र सरकार के पीएफ आफिस के अफसरों ने फ्रीज कर दिया तो अप्रैल के पहले ही सप्ताह में निगम प्रशासन ने ठेकेदार की पत्नी के सेविंग एकांउट में करीब 26.48 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिया।
कलेक्टर ने ट्रेजरी ऑफीसर को दिया जांच के निर्देश
इस मामले की जब कलेक्टर से शिकायत की गई तो उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही बताया। कलेक्टर ने मामले की जांच दुर्ग के ट्रेजरी ऑफिसर राघवेंद्र कुमार को दी है। ट्रेजरी ऑफिसर का कहना है कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है। इसमें शिकायतकर्ता के बयान होना बाकी है। उसके बाद जांच रिपोर्ट कलेक्टर दुर्ग को सौंप दी जाएगी।
जानकारी मिलते ही की लिखित शिकायत रिसाली नगर निगम के सभापति केशव बंछोर ने बताया कि उनके पास पार्षदों द्वारा मामले की शिकायत की गई थी। जब उन्होंने उसकी जानकारी ली तो ये बड़ी गंभीर लापरवाही का मामला था। इसके बाद इसकी जानकारी गृह मंत्री को देने के साथ ही कलेक्टर दुर्ग से शिकायत कर मामले की जांच के लिए मांग की गई थी।
सेविंग एकाउंट के बारे में आयुक्त को नहीं थी जानकारी
निगम आयुक्त आशीष देवांगन का कहना है कि ठेकेदार का खाता फ्रीज हो गया था। चूंकी मजदूरों को भुगतान करना जरूरी थी। मजदूरों के हित को देखते हुए ठेकेदार के लिखित निवेदन पर उसके दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है। वो खाता सेविंग अकाउंट था इसकी जानकारी नहीं थी। आयुक्त का कहना है कि उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई गलत भुगतान नहीं किया गया है।