लोकसभा में पेश होगा बड़ा विधेयक: गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री और मंत्री को छोड़ना होगा पद

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session 2025) लगातार सुर्खियों में है। इसी बीच केंद्र सरकार बुधवार (20 अगस्त) को लोकसभा में एक बेहद अहम विधेयक पेश करने जा रही है। इस विधेयक के मुताबिक अगर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या राज्य मंत्री गिरफ्तार होते हैं तो उन्हें तुरंत पद छोड़ना होगा। यही नियम केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर भी लागू होगा।

गिरफ्तारी पर कुर्सी छोड़ना होगा अनिवार्य

नए प्रस्तावित बिल में साफ कहा गया है कि यदि कोई उच्च पदस्थ जनप्रतिनिधि सीरियस क्रिमिनल चार्ज (गंभीर आपराधिक मामलों) में डिटेन या गिरफ्तार होता है तो उसे पद से हटना अनिवार्य होगा।

हालिया घटनाओं से जुड़ा है मसला

हाल ही में जांच एजेंसियों द्वारा कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की गिरफ्तारी के मामले सामने आए।

  • दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी (ED) ने गिरफ्तार किया, लेकिन उन्होंने जेल से भी इस्तीफा नहीं दिया था।

  • वहीं झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था।

  • इसके अलावा दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

इन घटनाओं के बाद केंद्र सरकार अब स्पष्ट करना चाहती है कि गिरफ्तारी की स्थिति में किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे नेता को तुरंत पद छोड़ना होगा।

सरकार का प्लान – तीन अहम विधेयक संसद में पेश

सरकार लोकसभा में बुधवार को तीन बड़े विधेयक पेश करने जा रही है –

  1. केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025

  2. संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025

  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति (Joint Committee of Parliament) को भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे।

मानसून सत्र में अब तक पारित हुए बड़े बिल

21 जुलाई 2025 से शुरू मानसून सत्र में कई बड़े बिल पास हो चुके हैं, जिनमें शामिल हैं –

  • बिल्स ऑफ लेडिंग बिल 2025

  • नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025

  • नेशनल एंटी-डोपिंग (संशोधन) बिल 2025

  • माइन्स एंड मिनरल्स (डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन) संशोधन बिल 2025

  • इंडियन पोर्ट्स बिल 2025

  • इनकम टैक्स बिल 2025

सरकार का फोकस है कि इस सत्र में जितने संभव हो उतने महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए जा सकें।

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