भिलाई [न्यूज़ टी 20] दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावशाली समूह जी-20 की बैठक अगले साल लद्दाख में हो सकती है. केंद्र सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भी इन बैठकों को आयोजित करने का प्रस्ताव दिया है. इससे पहले भारत ने कहा था कि जी -20 शिखर सम्मेलन जम्मू-कश्मीर में हो सकते है.

इसके लिए सरकार ने 5 सदस्यीय समिति का गठन किया था. भारत के इस प्रस्ताव पर चीन और पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया था. बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तौर पर बंटवारे के बाद पहली बार यहां कोई अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजिक कराने की बात चल रही है.

भारत और चीन के सैनिक मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध में शामिल हैं. ऐसे में केंद्र शासित प्रदेश में बैठकें आयोजित करने के सरकार के प्रस्ताव को चीन के लिए एक झटके के रूप में देखा जा सकता है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत एक दिसंबर, 2022 से जी-20 की अध्यक्षता करेगा और 2023 में पहली बार जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर 7 और 8 जुलाई को जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के बाली पहुंचने वाले हैं.

समन्वय के लिए अधिकारी नियुक्त

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक लद्दाख के उपराज्यपाल आर के माथुर ने विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय करने के लिए दो अधिकारियों को नियुक्त किया है. ये हैं डिविजनल कमिश्नर सौगत बिस्वास

और लेह-कारगिल रेंज के डीआईजी जुनैद महमूद. इन्हें नोडल अधिकारी के रूप में मंजूरी दी गई है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 23 जून को यूजी -20 बैठकों के समन्वय के लिए आवास और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था.

पाकिस्तान ने जताया था विरोध

जम्मू-कश्मीर में 2023 में जी-20 की तैयारी बैठक आयोजित करने के भारत के प्रस्ताव पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी, जिसमें कहा गया था कि उसे उम्मीद है कि समूह के सदस्य कानून और न्याय की अनिवार्यता से पूरी तरह परिचित होंगे और प्रस्ताव का एकमुश्त विरोध करेंगे. चीन ने कहा कि संबंधित पक्षों को मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए.

चीन का ऐतराज

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था ‘कश्मीर पर चीन का रुख सतत और बिल्कुल स्पष्ट है. यह भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चला आ रहा मुद्दा है. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय सहमतियों के अनुरूप इसका उचित समाधान निकालना चाहिए.’

जी-20 के सदस्य देश

जी-20 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ एक मंच पर लाता है. इसके सदस्य हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, जर्मनी, फ्रांस, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय संघ के अलावा दक्षिण कोरिया और तुर्की है.

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