बागपत: पुराने समय से ही दुनिया की भौगोलिक जानकारी के लिए नक्शे बनाए जाते रहे हैं, लेकिन बागपत में एक ऐसा अनोखा नक्शा है, जिसे दुनिया में अपनी तरह का अनूठा माना जाता है. इतिहासकारों का दावा है कि इस तरह के नक्शे पूरे विश्व में केवल दो ही हैं—एक भारत में और दूसरा ब्रिटेन के संग्रहालय में. इस नक्शे की खासियत यह है कि इसे प्राकृतिक रंगों का उपयोग करके बनाया गया है, जिसमें अढ़ाई द्वीप में पूरी दुनिया को दर्शाया गया है. इस नक्शे में नदियों, पहाड़ों और अन्य प्राकृतिक स्थलों को भी प्राकृतिक रंगों से दर्शाया गया है.

इतिहासकार अमित राय जैन ने बताया कि जैन धर्म के पास ‘अढ़ाई द्वीप’ के नाम से पूरे विश्व का नक्शा है, जिसे लगभग 12वीं-13वीं सदी के बीच में बनाया गया था. इस नक्शे को कपड़े पर तैयार किया गया है, और इसके निर्माण में उपयोग किए गए रंग पूरी तरह से प्राकृतिक हैं. उस समय के पेड़-पौधों, फलों, और सब्जियों से तैयार किए गए इन रंगों का उपयोग इस नक्शे में किया गया है, जो भारत की चित्रकला शैली का एक अनूठा उदाहरण है.

भौगोलिक और खगोलीय घटनाओं का अद्वितीय चित्रण

जैन ने बताया कि इस नक्शे में भौगोलिक और खगोलीय घटनाओं का अद्वितीय चित्रण किया गया है. इसमें नदियों, पर्वतों, समुद्रों, और अन्य भौगोलिक स्थलों की स्थिति को बारीकी से दर्शाया गया है. भारत के बाहर के भारतीय दर्शनों पर काम करने वाले इतिहासकार और अनुसंधानकर्ता इस नक्शे को लेकर लगातार संपर्क में हैं. वे इस नक्शे में छिपे गुप्त रहस्यों को उजागर करने और इसे विश्व के सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं.

एक दुर्लभ नक्शा ब्रिटिश म्यूजियम में

इतिहासकारों का मानना है कि इस नक्शे के माध्यम से भारत के प्राचीन ज्ञान और संस्कृति को विश्व के सामने लाने का अनूठा अवसर मिल सकता है. यह नक्शा दुर्लभतम श्रेणी में रखा जा सकता है. कुछ अन्य नक्शे भी मौजूद हैं, लेकिन वे थोड़े अर्वाचीन हैं और इस कालखंड से कुछ वर्षों के बाद के हैं. इस कालखंड का एक अन्य नक्शा ब्रिटिश म्यूजियम में मौजूद है, और लंदन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर इसके साथ समानता की कंपैरेटिव स्टडी कर रहे हैं.

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