रूस के साइबेरिया में मिला एक विशाकालकाय गड्ढा मिलने के बाद से वैज्ञानिक हैरत में पड़ गए हैं. दरअसल, वैज्ञानिकों को लग रहा है कि ये गड्ढा पृथ्वी के लिए बड़ी मुसीबत खड़ा कर सकता है. ये गड्ढा 8000 साल पुराना बताया जा रहा है. यह एक विश्व का सबसे बड़ा परमाफ्रॉस्ट गड्ढा है. ये जगह लाखों करोड़ों साल पुरानी मिट्टी और बर्फ से घिरी हुई है.

01

इस गड्ढा को पहली बार 1940 में देखा गया था लेकिन चिंता की बात ये है कि उसके बाद से इसका आकार लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे कई विभिन्न नामों से जाना जाता है. इस गड्ढे का अन्य नाम बाटागायिका, बाटाग और बागाटायिका है. 12 जुलाई को एक ड्रोन के जरिए इस गड्ढे की तस्वीर ली गई थी, जिससे पता चला कि इसका आकार लगातार बढ़ता जा रहा है. रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार, इसका आकार 800 स्क्वायर मीटर बड़ा है. इस गड्ढे का आकार इतना बड़ा है कि इसके अंदर 145 फुटबॉल के मैदान समा सकते हैं.

02

वैज्ञानिकों ने बताया कि इस गड्ढे से मिली मिट्टी प्लिस्टोसिन काल के हैं यानी इसकी मिट्टी का उम्र 1.26 लाख साल पुरानी है. लेकिन इसमें लगातार हो रहे बदलाव की वजह वैज्ञानिकों को भी समझ में नहीं आ रहा है.

03

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में रसियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के वैज्ञानिक एलेक्सी लुपाचेव ने माना है कि यह एक दुर्लभ घटना है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है. जलवायु परिवर्तन की वजह से इस खड्डे में जमे बर्फ पिघल कर कीचड़ में बदलते जा रही है.

04

पर्माफ्रॉस्ट सबसे ज्यादा मात्रा में बर्फ पाए जाते हैं. इनकी मात्रा 80 फीसद तक होती हैं. ड्रोन की तस्वीरों से पता चलता है कि ये लगातार बढ़ते जा रहा है. इस क्षेत्रों में जंगलों की कटाई की वजह से गड्ढे के अंदर की बर्फ पिघलना शुरू हो गया.यहां विशाल दलदली गड्ढा बनते जा रहा. वहीं इस गड्ढे में 8000 साल पुराने एक बड़े भैंसे यानी बाइसन का मांस मिला है. ऐसा अनुमान है कि इसके अंदर और भी जीवों और वनस्पतियों के अवशेष हो सकते हैं.

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *