आज 74वां गणतंत्र दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सुबह 7:30 बजे तिरंगा फहराएंगी। जगह होगी कर्तव्य पथ। इसके बाद परेड और झाकियों का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। ये दिन के 12.00 बजे तक चलेगा। इजिप्ट, यानी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं। परेड में राज्यों, विभागों और आर्म्ड फोर्सेस की कुल 27 झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें 23 कल्चरल होंगी। इस सबके दौरान 7 बातें ऐसी हैं, जो पहली बार हो रही हैं।

गणतंत्र दिवस पर 7 चीजें पहली बार…

1. अंग्रेजों की बनाई तोपों की जगह भारतीय तोपें देंगी सलामी

गणतंत्र दिवस में राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दिए जाने की परंपरा है। अब तक ये सलामी ब्रिटेन में बनी 25-पाउंडर तोपों से दी जाती थी, जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी इस्तेमाल की गई थीं। अब इनकी जगह भारत में बनी 105MM इंडियन फील्ड गन से सलामी दी जाएगी। ये तोपें जबलपुर और कानपुर की गन फैक्ट्री में बनाई गई थीं। इन्हें 1972 में डिजाइन किया गया था और ये 1984 से सर्विस दे रही हैं। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि 105MM देश में बनी तोपें हैं इसलिए हम इनसे सलामी देना चाहते हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है और हम इसीलिए स्वदेशी तोप का इस्तेमाल करेंगे।

2. BSF की ऊंट टुकड़ी में पहली बार महिला अफसर

गणतंत्र दिवस पर पहली बार बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की ऊंटों की टुकड़ी में महिला अफसरों को शामिल किया गया है। सरफेस टु एयर मिसाइल सिस्टम आकाश टुकड़ी का नेतृत्व लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा करेंगीं। इनमें आर्मी के 3 और एयरफोर्स और नेवी की एक-एक मेंबर्स शामिल होंगे। लेफ्टिनेंट चेतना ने कहा कि उनका सपना पूरा हो गया। चेतना आर्मी एयर डिफेंस यूनिट में पोस्टेड हैं। चेतना के अलावा लेफ्टिनेंट डिंपल भाटी आर्मी की डेयरडेविल्स मोटरसाइकिल टीम का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो पिछले एक साल से ट्रेनिंग कर रही हैं।

3. इंडियन एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो, एयर-फील्ड ऑपरेशन में एक्सपर्ट

इंडियन एयरफोर्स (IAF) की स्पेशल गरुड़ कमांडो फोर्स भी परेड में नजर आएगी। 2004 में बनी इस स्पेशल फोर्स की ट्रेनिंग सबसे ज्यादा 72 हफ्तों तक चलती है। अभी इस फोर्स में 1780 कमांडो हैं। ये एंटी टेरर ऑपरेशन और एयर-फील्ड डिफेंस में एक्सपर्ट होते हैं। ये सभी तरह के आधुनिक हथियार चलाने में माहिर होते हैं। 2 जनवरी 2016 में पठानकोट एयरबेस पर आतंकवादी हमले के दौरान मोर्चा गरुड़ कमांडोज ने ही संभाला था। इस हमले में 2 सैनिक शहीद हुए थे।

4. फ्लाई पास्ट में पहली और आखिरी बार दिखेगा विंग्ड स्टैलियन

फ्लाई पास्ट में 44 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे। इनमें 9 राफेल भी रहेंगे। इनके अलावा C-17, C-130, सुखोई-30 भी फ्लाई पास्ट में शामिल होंगे। ये नेत्र, बजरंग, वर्टिकल चार्ली, ध्वज, रुद्र, बाज, प्रचंड, तिरंगा, तंगैल, गरुड़, अमृत और त्रिशूल फॉरमेशन में उड़ान भरेंगे। खास बात ये है कि नेवी का इल्यूसिन IL-38 पहली और आखिरी बार परेड में शामिल होगा। निगरानी और एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट 1977 में नेवी में शामिल किया गया था। 42 साल की सेवा के बाद इस साल के आखिर में इसे हटा दिया जाएगा। इसे विंग्ड स्टैलियन भी कहा जाता है।

5. सिर्फ स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले, अग्निवीर भी परेड में शामिल होंगे

परेड में सिर्फ मेड इन इंडिया यानी स्वदेशी हथियारों का डिस्प्ले होगा। यहां तक कि एम्युनिशन भी स्वदेशी होंगे। दिल्ली एरिया के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत सेना कई स्वदेशी इक्विपमेंट्स का प्रदर्शन करेगी। इस परेड में K-9 वज्र हॉविट्जर्स, MBT अर्जुन, नाग एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस मिसाइल और क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल्स शामिल होंगे। मेजर जनरल भवनीश कुमार ने कहा कि हम स्वदेशी की तरफ मुड़ रहे हैं। वो वक्त दूर नहीं जब हमारे सभी उपकरण स्वदेशी होंगे।

6. पहली बार नारकोटिक्स ब्यूरो की झांकी, दिखेंगे कैनाइन मेंबर्स लिंबू और जैली

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की झांकी पहली बार परेड में दिखाई देगी। नो ड्रग्स इसका मैसेज होगा। इस झांकी में NCB मेंबर्स के अलावा उनके डॉग स्क्वॉड के भी 2 मेंबर्स मौजूद रहेंगे। कैनाइन स्क्वॉड के इन डॉग्स का नाम लिंबू और जैली है। ये कई ऑपरेशन में नशे की खेप पकड़वाने में रोल निभा चुके हैं। झांकी पर नशा मुक्त भारत का संदेश लिखा होगा। साथ ही इसके मेंबर्स भारत के विविध परिधानों के साथ दिखाई देंगे। इसके जरिए वह यह संदेश देंगे कि साथ मिलकर हम नशा मुक्त भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।

7. देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में

300 साल से चली आ रही बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 29 जनवरी को होनी है। इस बार इस सेरेमनी में देश का सबसे बड़ा ड्रोन शो होगा। इसमें 3200 ड्रोन शामिल होंगे और शाम के वक्त रायसीना हिल्स पर उड़ान भरेंगे। ये देश की अहम घटनाओं को पेश करेंगे। ड्रोन शो 10 मिनट तक चलेगा। 2022 में 1 हजार ड्रोन ने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लिया था। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी 17वीं सदी में ब्रिटेन से शुरू हुई थी। भारत में यह 1952 में आई थी।

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