भोजपुर: प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, मेहनत और लगन के दम पर गांव के एक युवक ने इसे सच कर दिया है. गांव से ताल्लुकात रखने वाले एक वेल्डिंग मिस्त्री ने ई-बाइक जैसी बैट्री पर चलने वाली ई-साइकिल बना कर कमाल कर दिया है. यह सब करने के लिए युवक ने छह माह की कड़ी मेहनत से साइकिल तैयार की है. जिले के चरपोखरी प्रखंड के पसौर गांव निवासी मंतोष शर्मा के जज्बे को सभी सरहाना कर रहे हैं. मंतोष शर्मा बताते हैं कि गांव में ही वेल्डिंग मशीनरी की दुकान है.

ई-साइकिल की प्रेरणा

गांव के बच्चों को गर्मी में पैदल या साइकिल से आते-जाते देखकर मंतोष के मन में ख्याल आया कि ऐसा कुछ बनाया जाए जिससे ये बच्चे बिना खर्च के आसानी से गर्मी में स्कूल आ-जा सकें. एक दिन दुकान पर खाली बैठे थे तो दिमाग में आया कि क्यों न ऐसा साइकिल ही बना दिया जाए जिसे चलाने में मेहनत न लगे और कम दाम में उपलब्ध हो.

कैसे बनाई ई-साइकिल 

मंतोष ने अपने सफर को सुगम व आरामदायक बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक साइकिल की सोच रखी. फिर क्या था, बैट्री, मोटर और साइकिल के फ्रेम को वेल्डिंग कर यह कार्य शुरू कर दिया. लगभग 6 महीने की मेहनत के बाद साइकिल पूर्ण रूप से तैयार हो गई. ई-साइकिल को खुद चला कर देखा तो एक्सीलेटर के साथ अधिकतम 35 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से साइकिल दौड़ने लगी. इसे देखकर गांव के लोगों ने मंतोष को इस कार्य के लिए काफी सराहा और आने वाले दिनों में इस साइकिल को बाजार में उपलब्ध कराने की प्रशासनिक स्तर से मांग की है.

22 हजार के खर्च में तैयार हुई साइकिल

लोकल 18 से बात करते हुए मंतोष शर्मा ने बताया कि यह साइकिल मोटर युक्त है, इस साइकिल पर आराम से दो लोग सवारी कर सकते हैं. मंतोष के अनुसार साइकिल फ्रेम निर्माण और सभी पार्ट्स को खरीदने और बनाने में लगभग 22 हजार खर्च आया है. साइकिल में मोटर, बैट्री, हॉर्न, इंडिकेटर, एक्सीलेटर पार्ट्स शामिल हैं. इसके अलावा बैट्री व चार्जर रखने वाला बॉक्स भी बना हुआ है. अगर ई-साइकिल आप बाजार में खरीदने जाते हैं तो कम से कम 50 से 60 हजार के रेंज में उपलब्ध होगी.

एक बार चार्ज पर 45 से 50 किलोमीटर का सफर

ई-साइकिल की खासियत यह है कि यह बैट्री पर तो चलेगी ही, लेकिन अगर कोई पैडल मारकर चलाना चाहे तो उसे मोटर मोड ऑफ करके चला सकता है. बैट्री को 4 घंटे चार्ज करने के बाद लगभग 45 से 50 किलोमीटर तक की सफर की जा सकती है. इसकी अधिकतम स्पीड 30-35 किमी/घंटा है. ब्रेक इसके अनुसार ही बनाया गया है.

भविष्य की योजनाएं

मंतोष बताते हैं कि दूरी बढ़ाने के लिए और इस पर काम किया जा सकता है. बैट्री का पॉवर और चार्जिंग का समय बढ़ सकता है. लोकल 18 से बात करते हुए मंतोष ने बताया कि जब से ई-साइकिल उनके द्वारा बनाई गई है तब से ही गांव और आसपास के सैकड़ों लोग आकर इसकी खरीदारी करना चाहते हैं. उनका कहना है कि दूसरा ऐसा ही बना कर दें. लेकिन हम साइकिल नहीं बल्कि ई-कार बनाना चाहते हैं. हम ऐसा ई-कार बनाना चाहते हैं जो 4 से 5 लाख में ही तैयार हो जाए. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की मांग करते हैं.

एक बार चार्ज पर 45 से 50 किलोमीटर का सफर

ई-साइकिल की खासियत यह है कि यह बैट्री पर तो चलेगी ही, लेकिन अगर कोई पैडल मारकर चलाना चाहे तो उसे मोटर मोड ऑफ करके चला सकता है. बैट्री को 4 घंटे चार्ज करने के बाद लगभग 45 से 50 किलोमीटर तक की सफर की जा सकती है. इसकी अधिकतम स्पीड 30-35 किमी/घंटा है. ब्रेक इसके अनुसार ही बनाया गया है.

भविष्य की योजनाएं

मंतोष बताते हैं कि दूरी बढ़ाने के लिए और इस पर काम किया जा सकता है. बैट्री का पॉवर और चार्जिंग का समय बढ़ सकता है. लोकल 18 से बात करते हुए मंतोष ने बताया कि जब से ई-साइकिल उनके द्वारा बनाई गई है तब से ही गांव और आसपास के सैकड़ों लोग आकर इसकी खरीदारी करना चाहते हैं. उनका कहना है कि दूसरा ऐसा ही बना कर दें. लेकिन हम साइकिल नहीं बल्कि ई-कार बनाना चाहते हैं. हम ऐसा ई-कार बनाना चाहते हैं जो 4 से 5 लाख में ही तैयार हो जाए. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार से मदद की मांग करते हैं.

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