Love story की अनोखा इश्क: 50 साल की मालकिन को 20 साल के नौकर से हुआ प्यार, जानें कैसे शुरू हुई यह लव स्टाेरी

Love story बढ़ती उम्र में इश्क़ हो……. ये जिंदगी फिर से मुस्कुराने की जिद में है.

जी, बिल्कुल सही समझा, जिंदगी के पड़ाव में कब किसी बेपनाह मोहब्बत हो जाए ये हमको,

आपको किसी को नहीं पता. कुछ ऐसा ही हुआ 50 वर्षीय शाजिया के संग जब उन्हें

अपने 30 वर्ष छोटे लड़के फारुख से प्यार हो गया. दरअसल फारुख, शाजिया के घर में नौकर थे.

दोनों में प्यार कब पनपा दोनों को मालूम ही नहीं चला. ये कपल अब

एक-दूसरे शादी रचा चुके हैं.इनकी शादी की दास्तान यूट्यूब पर बहुत वायरल हो रहा है.

ग़ालिब का एक शेर है-” इश्क पर जोर नहीं है ये वो आतिश है ‘ग़ालिब’…. कि लगाए न लगे और बुझाए

न बने.” कुछ ऐसा ही हुआ इन कपल के बीच. कहते हैं जब प्यार होता है तो उम्र का अंतर मायने नहीं रखता.

दोनों ही लोग सरगोधा (पाकिस्‍तान) के रहने वाले हैं. यूट्यूबर सैयद बासित अली ने इस कपल से हाल में बात की.

प्रेम की कहानी

शाजिया ने बताया कि वह अकेले ही रहती थीं. इस कारण से उन्‍होंने फारुख को घर में नौकर रखा था.

उन्होंने बताया कि फारुख बहुत अच्‍छा काम करते थे, खाना भी बहुत ही अच्‍छा बनाते थे

और मेरा ख्‍याल रखते थे. शाजिया ने आगे बताया कि अपने घर में अकेले रहती थीं

और फारुख का भी अपना कोई नहीं था. ऐसे दोनों ने शादी करने का फैसला किया.

फारुख ने भी शाजिया की तारीफ की. उन्होंने बताया कि शाजिया ने

उन्हें नौकर नहीं बल्कि घर की सदस्य की तरह व्ययवहार किया.

परिजन हो गए शादी के फैसले पर हैरान

शाजिया ने वीडियो में बताया कि जब उन्‍होंने रिश्‍तेदारों को शादी के फैसले के बारे में बताया और तो वे हैरान रह गए थे.

खासकर उम्र में अंतर को लेकर रिश्‍तेदार सवाल उठाने लगे थे.

फिर शाजिया ने कहा जब वह अकेली थीं, तब तो किसी के मन में उनके लिए ख्‍याल नहीं आया.

इस वजह से उन्‍हें रिश्‍तेदारों की बातों से कोई फर्क नहीं पड़ा.

फारुख ने कहा मोहब्‍बत में उम्र नहीं देखी जाती है, बस ये देखा जाता है

कि सामने वाला शख्‍स आपकी कितनी ख्याल रखता है. फारुख ने वीडियो में कहा कि

वह शाजिया के लिए कुछ भी कर सकते हैं, जान भी दे सकते हैं.

वहीं, शाजिया ने कहा- जब ये जान दे सकते हैं तो मैं क्‍यों नहीं… मैं भी इनके लिए अपनी जान दे सक‍ती हूं.

शेर सुनाकर किया था प्रपोज

फारुख ने बताया शाजिया ने उन्‍हें शी शाह का शेर सुनाकर प्रपोज किया था.

वो शेर कुछ इस तरह था:

“अपने एहसास से छू कर मुझे संदल कर दो…

मैं कि सदियों से अधूरा हूं मुकम्मल कर दो.

न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे

इस कदर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो “

वहीं फारुख ने शाजिया को जो शेर सुनाया वह कुछ यूं था:

“तुझको देखेंगे तो सितारे जिया मांगेंगे,

तेरी प्यासी जुल्फों से घटा मांगेंगे,

अपने कंधे से दुपट्टा न सरकने देना,

वरना बूढ़े भी जवानी की दुआ मांगेंगे!”

फारुख ही बनाते हैं खाना

शाजिया ने मुस्कुराते हुए बताया कि खाना हमेशा फारुख ही बनाते हैं.

वहीं सैयद बासित अली ने जब दोनों से पूछा कि क्‍या आपमें लड़ाइयां होती हैं?

इस पर दोनों ने एक दूसरे के तरफ मुस्कुरा कर देखते हैं और एक साथ -अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *