भिलाई [न्यूज़ टी 20] डूमरतराई स्थित मिंटू पब्लिक स्कूल के पास सोमवार रात करीब 10 बजे छह बाइक में आए 9 लुटेरों ने अनाज व्यापारी से 50 लाख लूट लिए। कारोबारी नरेंद्र खेत्रपाल (50) ने रुपए से भरा बैग अपनी मोपेड के फुटरेस्ट पर रखा और टैगोरनगर में अपने घर के लिए निकले।
स्कूल के पास बाइक सवार लुटेरों ने कारोबारी को ओवरटेक कर रोक लिया। विरोध करने पर लुटेरों ने डंडे से पीटकर कारोबारी को लहूलुहान कर दिया और रुपए से भरा बैग लेकर रायपुर की ओर भाग गए। घायल पिता के फोन पर कारोबारी का बेटा किशन मौके पर पहुंचा।
पिता को उसी ने लालपुर के निजी अस्पताल पहुंचाया। कारोबारी की हालत सामान्य है। पुलिस को फिलहाल लुटेरों का सुराग नहीं मिला। पुलिस ने बताया कि अनाज कारोबारी खेत्रपाल ने रात तकरीबन 10 बजे डूमरतराई अनाज मंडी में अपनी दुकान बंद की।
फिर वे मोपेड से टैगोरनगर के लिए निकले। उन्होंने रुपयों से भरा बैग मोपेड के फुटरेस्ट पर रखा था। थोक बाजार से निकलकर वे करीब पौन किमी दूर डूमरतराई स्थित स्कूल के सामने पहुंचे होंगे, तभी लुटेरों ने घेरकर रोकने की कोशिश की।
कारोबारी ने स्पीड बढ़ाई तो लुटेरों ने पीछा किया और कारोबारी को चलती गाड़ी में डंडे मारकर गिरा दिया। घायल होने के बाद कारोबारी ने उठने की कोशिश की। इस बीच, एक लुटेरा बैग उठाने लगा तो व्यापारी ने उसे धक्का भी दिया।
तब लुटेरों ने डंडे से उनकी पिटाई शुरू कर दी। सिर पर कई वार किए। कारोबारी लहूलुहान होकर बेसुध गिर पड़े। इसके बाद लुटेरे रुपयों से भरा बैग लेकर भाग निकले।
बेटा कार से आगे निकल गया था, घायल कारोबारी ने काॅल किया तो तुरंत लौटा
कारोबारी खेत्रपाल और उनका बेटा दुकान बंद कर एक साथ निकले। पिता पहले रवाना हुए, बेटा पीछे थे लेकिन तीन-चार मिनट में वह आगे निकल गया। इसके बाद कारोबारी लूट का शिकार हुए।
लुटेरों के भागने के बाद उन्होंने किसी तरह बेटे को काॅल किया। वह घबराकर तुरंत लौटा और पिता को सड़क पर घायल पड़ा देखा। उन्हें उठाकर वह अस्पताल ले गया और पुलिस को भी उसी ने सूचना दी।
पापा को डंडे-स्टंप मारकर गाड़ी से गिराया
किशन खेत्रपाल की जुबानी- पापा की दुकान मार्केट में पहली पंक्ति में है और मैं पीछे वाली दुकान में बैठता हूं। रात को पापा और मैंने अपनी अपनी दुकानें बंद की। फोन पर एक दूसरे से बात की और आगे पीछे निकल गए। पापा बाइक से और मैं अपनी कार से निकला।
मुझे दोस्तों के पास जाना था, लिए मैंने स्पीड बढ़ाई और आगे बढ़ गया। मिन्टू स्कूल के पास सड़क के किनारे मुझे भीड़ दिखी लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। मुझे जल्दी जाना था, इसलिए आगे बढ़ गया।
कमल विहार के गेट के पास जैसे ही पहुंचा, मुझे पापा का फोन आया। पापा ने कहा- बेटा जल्दी आ। वो पैसे छीनकर भाग गए हैं। मैं तुरंत समझ गया कि वो भीड़ मेरे पापा के लिए ही लगी थी। मैं फौरन पलटकर वहीं पहुंचा। पापा घायल थे।
उनके कपड़े खून से सने थे। मैं हड़बड़ा गया। मुझे देखते ही उन्होंने पूरी घटना बतायी। 9 लुटेरे 6 बाइक में आए थे। दुकान से निकलते ही वे पापा के पीछे पड़ गए। शेष|पेज 9
स्कूल के सामने थोड़ा सुनसान है। वहीं एक लुटेरे ने अपनी बाइक से पापा की मोपेड को टक्कर मारी। वे हड़बड़ा गए। इसके पहले कि पापा कुछ कहते बाइक सवार लुटेरे उनसे उलझ गए और डांटकर रुकने के लिए कहा।
पापा नहीं रुके तो लुटेरों ने डंडे और स्टंप से उन पर चलती गाड़ी में हमला कर दिया। पापा गिर पड़े। उसके बाद लुटेरे आए और उन्होंने लाठियों से पीटकर पैसों का बैग छीन लिया।