
रायपुर। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर की प्रधान शाखा सीओडी ब्रांच में वर्ष 2016 से 2022 के बीच हुए 3.09 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़ी कार्रवाई की गई है। स्टाफ समिति की बैठक में 24 कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। इनमें से 6 कर्मचारियों को बर्खास्त, 3 को पदावनत, और 15 कर्मचारियों का वेतनवृद्धि रोकने के साथ रिकवरी का आदेश दिया गया है।
घोटाले की जांच में सामने आए गंभीर तथ्य

बैंक के आंतरिक खातों से इन कर्मचारियों ने अपने और अन्य लोगों के खातों में अवैध रूप से राशि स्थानांतरित की, जिससे बैंक को करोड़ों का नुकसान हुआ। यह धोखाधड़ी बैंक की रायपुर, गंज, खोरपा और बलौदाबाजार शाखाओं में सामने आई है।
किस-किस पर गिरी गाज: जानिए मुख्य आरोपियों के नाम
-
बर्खास्त कर्मचारी:
-
चंद्रशेखर डग्गर
-
संजय शर्मा
-
विजय कुमार वर्मा
-
घनश्याम देवांगन
-
पंकज सराफ
-
सूरज कुमार साहू (बलौदाबाजार शाखा)
-
-
डिमोशन (पदावनति):
-
अशोक पटेल
-
प्रकाश गवारले
-
शारदा शर्मा
-
-
15 अन्य कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर रोक और वसूली कार्रवाई की जा रही है।
FIR दर्ज, होगी रिकवरी और जवाबदेही तय
बैंक की सभी संबंधित शाखाओं के मामलों में संबंधित पुलिस थानों में FIR दर्ज कर दी गई है। छत्तीसगढ़ के सहकारिता आयुक्त कुलदीप शर्मा (IAS) ने सख्त लहजे में कहा कि सहकारी बैंकों में पारदर्शिता और जवाबदेही तय की जाएगी और अनियमितता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जीरो टॉलरेंस नीति का असर
यह कार्रवाई मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुशासन और जीरो टॉलरेंस नीति के अनुरूप की गई है। राज्य सरकार सहकारी बैंकों में पारदर्शी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।
