अयोध्या|News T20: भारत के इतिहास में 22 जनवरी 2024 की तारीख हमेशा के लिए एक ऐतिहासिक दिन के तौर पर दर्ज हो गई है। आज सोमवार का दिन भारत के कालखंड में एक ऐसी तारीख के तौर पर याद की जाएगी, जिसमें श्री रामलला का प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में हुआ।

राम के जन्मभूमि का विवाद 500 सालों के बाद आखिरकार अपने उस परिणिति पर पहुंच गया, जहां आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी अभिजीत मुहूर्त में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को संपन्न करेंगे, जिसमें त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था।

सनातन धर्म में वर्णित सभी प्रकार के मांगलिक कार्य पंचांग के अनुसार किये जाते हैं। ये पंचांग काल-खंड की गणना करते हैं और बताते हैं कि किस शुभ मुहूर्त में कौन-कौन से कार्य किये जा सकते हैं। काशी के विद्वान पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बताया है कि 22 जनवरी के दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि रहेगी। इस दिन न केवल अभिजीत मुहूर्त है बल्कि सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और रवि योग जैसा उत्तम शुभ योग भी बन रहा है।

लेकिन इसके साथ ही पंडित गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ ने बचाया है कि रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए केवल 84 सेंकड का ही शुभ मुहूर्त है, जो 22 जनवरी को दोपहर में 12 बजकर 29 मिनट 18 सेकंड से लेकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड के मध्य में होगा।

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