भिलाई [न्यूज़ टी 20] Amit Shah sets target for 2024: साल 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव में अब दो साल से भी कम समय रह गया है और राजनीतिक पार्टियों ने इसके लिए अभी से रणनीति और घेराबंदी शुरू कर दी है.
एक ओर कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपनी खोई हुई जमीन तलाशने की तैयारी में है तो दूसरी तरफ 2024 की रेस के लिए केंद्र की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने भी तैयारियां तेज कर दी हैं.
अमित शाह ने सेट किया टारगेट –
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंगलवार (6 सितंबर) को दिल्ली में एक अहम बैठक की, जिसमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहे. इस बैठक में पार्टी ने उन सीटों पर मंथन किया,
जिन्हें पार्टी 2019 में हार गई थी. बैठक के दौरान अमित शाह ने टारगेट सेट किया. सूत्रों के मुताबिक पार्टी पिछली बार से भी ज्यादा सीटें जीतने की प्लानिंग कर रही है.
हारी हुई 144 सीटों पर बीजेपी का फोकस –
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) ने साल 2014 की हारी हुई सीटों में से 30 प्रतिशत सीटें जीती थी. अब 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में 2019 की हारी हुई सीटों में से 50 प्रतिशत जीतने का टारगेट है. पार्टी 2019 के चुनाव में 144 सीटों पर हार गई थी और 2024 के चुनाव में इन सीटों पर बीजेपी का फोकस होगा.
अमित शाह ने बैठक में शामिल मंत्रियों को दी ये हिदायत –
हारी हुई सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) गंभीरता से ले रही है और मंगलवार को हुई बैठक में उन मंत्रियों को बुलाया गया था, जिन पर इन 144 सीटों की जिम्मेदारी थी. सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों के साथ बैठक में अमित शाह (Amit Shah) ने उन्हें नसीहत दी और कहा कि संगठन है तो हम हैं, संगठन है तो सरकार है.
इसलिए संगठन को प्राथमिकता दें. संगठन में सभी योगदान दें. पार्टी और कार्यकर्ताओं को सम्मान दें और उन्हें इग्नोर ना करें.अमित शाह में मंत्रियों से कहा, ‘लाभार्थियों से मिलें और उनका फीडबैक लें.
उसे रियल टाइम में पार्टी को उपलब्ध कराएं. मोदी जी सबसे पॉपुलर है और मोदी जी के नाम पर कोई भी सीट जीत सकते हैं, लेकिन जमीन पर संगठन नहीं होगा तो इसका फायदा नहीं मिलेगा. जिन मंत्रियों ने अपने प्रवास पूरे नहीं किए, उन्हें जल्द प्रवास करें.’
बिहार में समीकरण बदलने से बढ़ी मुश्किल –
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के लिए तैयार हो रहे कई लक्ष्यों में से फिलहाल एक लक्ष्य तो तय कर लिया है. हालांकि, बिहार में समीकरण बदलने के बाद से पार्टी के लिए 2024 की राह थोड़ी मुश्किल हो गई है.
बिहार में राजनीतिक कायापलट होने के बाद से ही नीतीश कुमार अपने लिए समर्थन जुटाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. पटना में लालू यादव और फिर केसीआर से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार अलग अलग नेताओं से मिल रहे हैं.
नीतीश कुमार सीपीआई और सीपीएम नेताओं के साथ ही अरविंद केजरीवाल, ओमप्रकाश चौटाला और शरद यादव से मुलाकात कर चुके हैं. अब देखना होगा कि 2024 के लिए तैयार किए गए लक्ष्यों के लिए बीजेपी अपने रास्ते में आ रही चुनौतियों से कैसे निपटती है