जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा में 12वीं की छात्रा और बलरामपुर में 10वीं की छात्रा 2-2 विषयों में फेल होने के कारण फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बताया जा रहा है कि रिजल्ट आने के बाद से दोनों टेंशन में थी। सुबह परिजनों को लटकी लाश मिली। पूरा मामला नवागढ़ थाना क्षेत्र और रामानुजगंज थाना क्षेत्र का है।
पहला मामला- जांजगीर-चांपा
मिली जानकारी के मुताबिक सेंदरी गांव की छात्रा का नाम निशा मानिकपुरी है। सेंदरी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं की छात्रा थी। जब गुरुवार को निशा ने रिजल्ट चेक किया तो फिजिक्स और रसायन में फेल हो गई।
परिजनों ने बताया कि गुरुवार की परिवार के सभी सदस्य रात खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सोने चले गए थे। निशा मानिकपुरी भी अपने कमरे में जाकर सो गई थी, लेकिन देर रात पंखे में चुनरी को रस्सी बनाकर झूल गई, जिससे उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने बताया कि सभी जब करीब 6 जब सो कर उठे तो निशा फांसी पर लटकी थी। परिजनों ने इसकी जानकारी पड़ोसियों और गांववालों को दी। जब गांव वाले पहुंचे तो पुलिस को सूचना दी गई।
मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, जहां से छात्रा की लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
पुलिस ने कहा कि हर एंगल से मामले की तहकीकात की जा रही है। फिलहाल प्रथम दृष्टया फेल होना सामने आ रहा है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद भी मामले का खुलासा हो सकेगा।
दूसरा मामला- बलरामपुर
बलरामपुर जिले के पुरषोत्तमपुर में दसवीं की परीक्षा में 2 विषयों में फेल होने से व्यथित छात्रा ने घर में फांसी लगा ली। रिजल्ट आने के बाद से छात्रा लगातार रो रही थी। परिजनों ने उसे समझाइश भी दी थी, लेकिन सुबह 9 बजे उसने आत्महत्या कर ली। घटना रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा घोषित परीक्षा परिणाम में रामानुजगंज अंतर्गत पुरषोत्तमपुर निवासी छात्रा रेखा सिंह दो विषयों में पूरक आ गई थी। रेखा सिंह ने 600 नंबर में 316 नंबर प्राप्त किया था। 50 प्रतिशत से अधिक अंक लाने के बावजूद वह गणित और विज्ञान विषयों में पूरक आ गई।
छात्रा के पिता मनोज सिंह ने बताया कि जब दसवीं का रिजल्ट आया तो बेटी टेंशन में थी रोने लगी। दो बहनों और एक भाई में वह सबसे छोटी थी। शुक्रवार सुबह रेखा अपनी बड़ी बहन के साथ थी। जब बड़ी बहन खाना बनाने में व्यस्त हुई तो रेखा सिंह दूसरे कमरे में चली गई और उसने फांसी लगा ली।
थोड़ी देर बाद जब बड़ी बहन ने रेखा को आवाज दी तो उसका जवाब नहीं मिला। वह दूसरे कमरे में गई तो उसने रेखा सिंह को फांसी पर झूलता देखा। उसकी चीख सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। घर के अन्य सदस्य खेत में गए थे। परिजनों ने जब तक उसे देखा, उसकी मौत हो चुकी थी।