दुनिया में कई इमारतें ऐसी भी होती हैं जो वह काम नहीं कर पाती हैं जिनके लिए वे बनी होती हैं. यह बात हैरान करने वाली लगती होगी पर यह सच है. भारत में तो लोग अपने घरों में वास्तु दोष तक ठीक करने की कोशिश करते हैं. लेकिन जरा सोचिए कि कोई ऐसा अस्पताल बने जिसमें जो जाए ठीक ना हो. गराज में गाड़ी जाए तो ठीक ही ना हो. बहुत ही अजीब लगता है. पर एक एतिहासिक लाइटहाउस ऐसा भी है जिसने जहाजों को बचाया कम उल्टा बर्बाद ज्यादा किया है.  यह अजीब लाइट हाउस 150 सालों से भी ज्यादा समय से कायम है और काम कर रहा है.

यह कहानी 1857 में ने एक लाइटहाउस की जिसे अंग्रेजी वास्तुकार एलेक्जेंडर डॉसन ने बनवाया था. एक अस्टिटेंट सर्वेयर के तौर पर वो केप सेंट जॉर्ज में ऐसी जगह की तलाश कर रहे थे जहां लाइट हाउस बनवाया जा सके. लेकिन यह लाइटहाउस गलत जगह पर बन गया क्योंकि डॉसन सटीक नेवीगेशन वाली जगह से ज्यादा उन्होंने आसान निर्माण को ज्यादा तरजीह दी थी.

ऐसा नहीं है कि इस लाइट हाउस की अनुमति देने वाले बोर्ड को ये खामिया नजर नहीं आई. बल्कि जब वे इस जगह का मुआयना किया गया तो पाया गया कि जहां लाइट हाउस बनाने का प्रस्ताव था वह जगह तो कई रास्तों से दिखाई भी नहीं देती है.

इतना ही नहीं उन्होंने तो डॉसन और उनकी कंपनी के बनाए गए नक्शे तक में कई खामियां देखीं. ये खामियां ऐसी थीं जिससे नक्शे में दर्शाई गई जरूरी स्थानों को पहचानना तक मुश्किल या असंभव था.  बोर्ड को यहां तक समझ में आ गया था कि डॉसन ने जगह का चुनाव केवल इसलिए किया था कि वहां से पत्थर आसानी से पहुंच सकते थे.

फिर भी यह लाइट हाउस वहीं बना जहां कि डॉसन ने प्रस्ताव किया था. ऐसा क्यों हुआ इसकी वजह पता नहीं चल सकती है.  लेकिन बोर्ड के चेयरमैनने लाइटहाउस बनवाने की अनुमति दे दी.  लेकिन यह लाइटहाउस ना तो उत्तर के रास्ते से दिखता है ना ही दक्षिण के रास्ता से दिखता है. इसलिए चार दशक बाद इसे बंद कर दिया गया और इसकी जगह 1899 में एक दूसरी जगह पर एक नया लाइट हाउस बनावा दिया गया.

बंद होने के बाद भी लाइटहाउस कई तरह की समस्याएं देता रहा क्योंकि इसका सुनहरा पत्थर चांदनी रात में चमका करता था. इस वजह से कई जहाज भटके और नष्ट हो गए. लेकिन सदी के अंत में इस लाइट हाउस को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया जिससे कि और हादसे ना हों. केप सेंट जॉर्ज लाइट हाउस के रखवालों के साथ भी लगातार हादसे होते रहे और किसी ना किसी कारण से यहां मौतें होती रहीं. आज भी यह लाइटहाउस असामान्य इतिहास के कारण संरक्षित सूची में दर्ज है.

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