रायपुर। विधानसभा भवन के ठीक सामने राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र से चंदन के 16 पेड़ गायब हो गए। पेड़ों को डीजल आरी से काटा गया है। कहा जा रहा है कि चोरों ने इस काम को अंजाम दिया है।
काटने के बाद 19 में से 16 पेड़ चोर ले जाने में कामयाब रहे, तीन पेड़ को मौके पर ही छोड़ दिया। पेड़ काटे जाने की जानकारी मिलने पर विभागीय अफसरों में हड़कंप मच गया। मामले की अपने स्तर पर जांच करने के बाद घटना की रिपोर्ट विधानसभा थाना में दर्ज कराई गई है।
विधानसभा पुलिस के मुताबिक, चोर जो चंदन के पेड़ को काटकर ले गए हैं, उन पेड़ों को 12 वर्ष पूर्व रोपा गया था। चोर जिन पेड़ों को काटकर ले गए हैं, उनकी ऊंचाई 10 से 12 फीट के करीब है। पेड़ काटकर चोरी कर ले जाने में कौन लोग शामिल हैं, इसका पुलिस जांच के बाद ही पता चलेगा।
पेड़ों की कटाई कर चोरी कर ले जाने का किसी को सबूत न मिले, इस बात को ध्यान में रखते हुए चोर एसएफआरटीआई परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे तक उखाड़ कर ले गए। हालांकि चोर डीवीआर ले जाने में कामयाब नहीं हुए। डीवीआर की जांच के बाद ही पेड़ काटकर ले जाने वालों का फूटेज पुलिस को मिल सकता है।
जिस जगह पेड़ों की कटाई की गई है, वहां मौके पर पहुंचे एसएफआरटीआई के प्रशिक्षुओं ने हरिभूमि से चर्चा करते हुए बताया कि यहां पूर्व में काफी ज्यादा मात्रा में झाड़ियां होती थीं, जिस वजह से वो यहां तक नहीं पहुंच पाते थे। वर्तमान में जगह साफ है। इससे साबित होता है, पेड़ काट कर ले जाने वाले चोरों ने पहले झाड़ियों की सफाई की, उसके बाद पेड़ काट कर ले जाने की घटना को अंजाम दिया।
पेड़ काटे जाने के संबंध में पीसीसीएफ, एसएफआरटीआई अनिल साहू का कहना है कि जो लोग पेड़ काटकर ले गए हैं, वह चंदन का पेड़ खुशबू वाला चंदन पेड़ नहीं है। चोर एसएफआरटीआई में लगे चंदन पेड़ को खुशबू वाला चंदन पेड़ समझकर काट कर ले गए हैं।
एसएफ आरटीआई परिसर में दो सौ पेड़ों का रोपण किया गया था। जिस जगह से चोर पेड़ काटकर ले गए गए हैं, वह एसएफ आईटीआई परिसर से करीब 500 मीटर अंदर है। मुख्य दरवाजे पर सुरक्षा गार्ड तैनात रहते हैं। रात के समय गार्ड मेन गेट को ताला लगाकर चले जाते हैं। पेड़ों की कटाई कर चोरी कर ले जाने की घटना 15 दिन पूर्व होने की आशंका है।
पीसीसीएफ राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के अनिल साहू ने बताया कि, पेड़ काट कर ले जाए जाने की जांच आदेश दे दिए गए है। मामले की जांच एसडीओ को सौंपी गई है। मामले की शिकायत थाने में भी दर्ज करा दी गई है। पुलिस तथा विभागीय जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पेड़ काटने वालों के बारे में जानकारी मिल पाएगी।