भिलाई [न्यूज़ टी 20] लंदन. रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग (Russia-Ukraine) से कच्चे तेल की कीमत (Crude oil price) चरम पर पहुंच गई है. इससे कई देशों में महंगाई (Inflation) ने कई दशकों का रिकॉर्ड टूट गया है.
ब्रिटेन में महंगाई 30 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. इससे लोगों को दो जून की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. देश में मंदी की आहट (Recession in Britain) सुनाई देने लगी है. एक नई रिसर्च के मुताबिक अगले एक साल में करीब 15 लाख परिवार खाने पीने की चीजों और
एनर्जी का बिल चुकाने की स्थिति में नहीं होंगे. महंगाई और भारी टैक्स ने उनका बजट बिगाड़कर रख दिया है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इकनॉमिक एंड सोशल रिसर्च (NIESR) के मुताबिक ब्रिटेन इस साल मंदी की चपेट में आ जाएगा.
उसने लोगों को इस स्थिति से बचाने के लिए वित्त मंत्री ऋषि सुनक से और उपाय करने की अपील की है. वित्त मंत्रालय का कहना है कि सरकार लोगों की हरसंभव मदद कर रही है. NIESR ने ब्रिटेन की इकोनॉमी पर अपने ताजा तिमाही अनुमान में कहा है
कि महंगाई की सबसे ज्यादा मार गरीब परिवारों पर पड़ी है. बैंक ऑफ इंग्लैंड का कहना है कि कुछ ही महीनों में महंगाई 10 फीसदी तक पहुंच सकती है.
मंदी की आशंकाबीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक NIESR ने कहा कि सरकार को मई से अक्टूबर के बीच यूनिवर्सल क्रेडिट में हर हफ्ते 25 पाउंड की बढ़ोतरी करनी चाहिए. इससे सरकार पर 1.3 अरब पाउंड का बोझ पड़ेगा. अगर उन्हें यह सपोर्ट नहीं दिया गया तो इससे देश में गरीबी बढ़ेगी.
इससे लाखों परिवारों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी. NIESR के मुताबिक 2022 में महंगाई 7.8% रहेगी और 2024 तक यह तीन फीसदी से ऊपर रहेगी. बैंक ऑफ इंग्लैंड ने महंगाई का टारगेट दो फीसदी रखा है.
2022 में 3.5% ग्रोथ रेट रहने का अनुमान
NIESR ने 2022 में इकनॉमिक ग्रोथ की दर 3.5% रहने का अनुमान जताया है, लेकिन साल की अंतिम दो तिमाहियों में इसमें गिरावट आ सकती है. यह ब्रिटेन की इकोनॉमी मंदी में चली जाएगी. इकोनॉमी में लगातार दो तिमाहियों में गिरावट को मंदी कहा जाता है.
NIESR का कहना है कि सरकारी नीतियों से देश में लोगों की वास्तविक आय (real incomes) में कमी आएगी. उसके मुताबिक 2022 में परिवारों की रियल इनकम में 2.4 फीसदी गिरावट आएगी और साथ ही अगले साल बेरोजगारी बढ़ेगी.