वह अस्पताल जहां दिमाग का इलाज होता है वैसे ही काफी डरावना लगता है. लोग खुद ऐसे अस्पताल को दिमाग का अस्पताल नहीं बल्कि पागलों को अस्पताल कहते हैं. स्कॉटलैंड में एक सौ साल पुराना दिमाग का अस्पताल है जो वाकई बहुत खौफनाक है. आसपास के लोग इसे किसी हॉन्टेड जगह से कम नहीं मानते हैं. हैरानी की बात यह है कि इसे बंद हुए केवल 20 साल ही हुए हैं, फिर भी यहां अकेले जाने से लोग डरते हैं.
यह अस्पताल स्कॉटलैंड के वेस्ट लोथियान के डेचमोंट के पश्चिम स्थित बैंगोर गांव में है. इसे एक सदी से भी ज्यादा पुराना अस्पताल बताया जाता है. यह मनोचिकित्सा का यह अस्पताल 1906 में खोला गया था और यह प्रथम विश्व युद्ध के दौरान एडिनबर्ग वॉर हॉस्पिटल का हिस्सा था जो बाद में केवल मनोचिकित्सा का अस्पताल हो कर रह गया था.
यह अस्पताल 2004 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया था जब इसके आखिरी मरीजों को विदा कर दिया था. इसे बंद करने की वजह से यही थी की यह 20वीं सदी के अंत में पूरे यूके में दिमागी इलाज के तौर तरीके ऐसे बदल दिए गए जिसे यह अस्पताल मनोचिकित्सा के काबिल नहीं रह गया था.
ऐसा केवल इसी अस्पताल के साथ नहीं हुआ, बल्कि यूके के बहुत से अस्पताल 1990 और 2000 के दशक में बंद हो गए थे. लेकिन स्कॉटलैंड का यह अस्पताल खास हो गया. इसे पहले 2005 में एक फिल्म की शूटिंग के लिए इस्तेमाल किया गया. संयोग से यह फिल्म भी साइकोलॉजिकल थ्रिलर थी, इसका नाम द जैकेट था.
इसके बाद 2009 में स्कॉटिश सरकार ने काउंडर टेरेरिस्ट यानी आतंकवाद रोधी एक्सरसाइज के लिए उपयोग में लाया गया था. इसमें सरकार ने उन प्रक्रियाओं का परीक्षण किया था जब परमाणु विस्फोट होने की स्थिति में की जानी चाहिए.
इस अस्पताल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर हुईं तो लोगों का ध्यान इस अस्पताल पर गया. वैसे तो इसे बंद हुए 20 साल हो चुके हैं. पर यहां जाने पर ऐसा लगता है कि यह अस्पताल में समय रुक गया है. यहां सभी चीजें वैसी ही पड़ी हैं जैसी कि आखिरी दिन छोड़ी गई थीं. इस वजह से यह अस्पताल बहुत भयानक और खौफनाक लगता है. इसको लेकर कई कहानियां भी बन चुकी हैं कि यह भूतों का अड्डा है.