
मरीज की 10 साल की पीड़ा का अंत
बिलासपुर सिम्स (SIMS) में मेडिकल इतिहास रचते हुए 20 वर्षीय नीता कुमारी (परिवर्तित नाम) का पहला TJR + Orthognathic Surgery सफलतापूर्वक किया गया। 10 साल पहले जबड़े की चोट के कारण मरीज को न केवल खाने-पीने और मुँह खोलने में दिक्कत थी बल्कि चेहरा असंतुलित हो जाने से वह हीनभावना से जूझ रही थी और घर से बाहर निकलने से भी कतराती थी।
रायपुर और बड़े अस्पतालों में इलाज महंगा पड़ा
मरीज ने रायपुर और अन्य बड़े अस्पतालों में इलाज की कोशिश की, लेकिन अत्यधिक खर्च के चलते वह असमर्थ रहीं। अंततः वह सिम्स के दंत चिकित्सा विभाग पहुँचीं, जहां सीटी स्कैन, 3डी फेस प्रिंट और अन्य जांचों के बाद डॉक्टरों ने Right TM Joint Ankylosis & Facial Asymmetry का निदान किया।

तीन बड़े ऑपरेशन से मिला नया चेहरा और आत्मविश्वास
-
मई 2023: Distraction Osteogenesis से दाएं जबड़े की लंबाई बढ़ाई गई (6 माह की प्रक्रिया)।
-
फरवरी 2024: दूसरा ऑपरेशन कर ‘चाबी’ हटाई गई।
-
अक्टूबर 2024: तीसरे ऑपरेशन में Right TM Joint Ankylosis खोलकर Artificial Customized TM Joint Reconstruction और Orthognathic Surgery की गई। इसमें जबड़ों को काटकर सीधा कर चेहरा संतुलित बनाया गया।
छत्तीसगढ़ का पहला केस – मेडिकल उपलब्धि
यह छत्तीसगढ़ के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में पहला केस है, जिसमें TM Joint Reconstruction और Orthognathic Surgery एक साथ की गई।
✔ Artificial Customized TM Joint Reconstruction से मरीज को मिला –
-
त्रुटिहीन फिट
-
बेहतर जबड़े की कार्यक्षमता
-
चेहरे की समरूपता
-
दीर्घकालिक स्थिरता
गरीब मरीजों को बड़ी राहत – खर्च शून्य
जहां प्राइवेट अस्पतालों में इस इलाज का खर्च 4-5 लाख रुपये आता, वहीं सिम्स में यह पूरी सर्जरी आयुष्मान कार्ड के तहत निशुल्क की गई।
सर्जरी में शामिल डॉक्टरों की टीम
इस सफलता में डॉ. संदीप प्रकाश (विभागाध्यक्ष), डॉ. भूपेंद्र कश्यप, डॉ. जंडेल सिंह ठाकुर, डॉ. केतकी कीनीकर, डॉ. हेमलता राजमणि, डॉ. सोनल पटेल समेत कई डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और तकनीकी टीम शामिल रही।
