भिलाई [न्यूज़ टी 20] भोपाल : मध्य प्रदेश के श्योपुर से बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां 10 साल के एक मासूम को मगरमच्छ ने अपना निवाला बना लिया। सोमवार की सुबह 10 का मासूम चंबल नदी में नहाने के गया था, इसी दौरान मगरमच्छ ने उसे दबोच लिया और नदी में खींचकर ले गया।

वहां मौजूद लोग जब तक पहुंचते, तब तक मगरमच्छ बच्चे को निगल चुका था। ग्रामीण नदी में उतरे और मगरमच्छ को पकड़ लाए। उसे रस्सी से बांध दिया और उसके मुंह में लकड़ी डाल दी। बच्चे के परिवार वालों को उम्मीद थी कि मगरमच्छ के पेट में बच्चा जिंदा होगा। उन्होंने मांग की कि वे बच्चे को उगलने पर ही मगरमच्छ को छोड़ेंगे। लेकिन मगरमच्छ ने कोई हरकत नहीं की। बाद में मगरमच्छ को वन विभाग के हवाले कर दिया गया।

चंबल नदी में नहाने गया था मासूम

मामला जिले के रघुनाथपुर क्षेत्र के रीझेटा घाट पर चंबल नदी के किनारे का है। जानकारी के मुताबिक, लक्ष्मण सिंह केवट का 10 साल का बेटा अतर सिंह सोमवार की सुबह चंबल नदी पर नहाने गया था। इसी दौरान पीछे से एक विशालकाय मगरमच्छ आया और उसे खींचकर नदी में ले गया।

बच्चे को नदी में खींचकर ले जाते हुए वहां नहा रहे गांव के दूसरे लोगों की नजर पड़ी तो वह बच्चे को बचाने के लिए दौड़ पड़े। बच्चे के परिजन और ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे और जाल लेकर आ गए। ग्रामीणों ने किसी तरह मगरमच्छ को जाल में फंसाकर बाहर निकाला और रस्सी से बांध लिया। लेकिन मगरमच्छ तब तक बच्चे को निगल चुका था।

घरवालों को थी उम्मीद थी मगर के पेट से जिंदा निकलेगा बच्चा

इस बीच घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। दोनों टीमों ने मगरमच्छ को ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ाने का प्रयास किया। हालांकि, लड़के के घरवाले देर शाम तक इसके लिए नहीं माने। बच्चे के परिवार वालों को उम्मीद थी कि मगरमच्छ के पेट में बच्चा जिंदा होगा। उन्होंने मांग की कि वे बच्चे को उगलने पर ही मगरमच्छ को छोड़ेंगे।

‘बच्चा मगरमच्छ के पेट में है, इसे कैसे छोड़ें’

ग्रामीणों का कहना था कि बच्चा मगरमच्छ के पेट में है, इसे कैसे छोड़ें। रघुनाथपुर थाना प्रभारी श्याम वीर सिंह तोमर के मुताबिक, ”लड़का नहाने के दौरान नदी में गहरे पानी में चला गया। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चे को मगरमच्छ ने निगल लिया था। फिर उन्होंने जाल और डंडों से मगरमच्छ को पकड़ लिया। घड़ियाल विभाग ने मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।

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