दुर्ग / जांजगीर में राहुल को निकालने वाली टीम के कौशल को पूरे देश ने देखा। इस टीम के सदस्यों ने और नगर सेना के जवानों ने शिवनाथ नदी में बाढ़ बचाव के रेस्क्यू आपरेशन का माकड्रिल कर दिखाया। माकड्रिल कुछ यूं हुई कि एक आदमी के बाढ़ में फंसे होने की सूचना रेस्क्यू टीम के गोताखोरों को मिली।
सूचना मिलते ही अपने हाइटेक संसाधनों के साथ टीम पहुंच गई। एक दस्ता नदी के लिए बोट से रवाना हुआ और एक दस्ता लाइफ सेविंग ड्रग और अन्य तैयारियों के लिए तट पर रह गया। नदी में बीचोंबीच लाइफजैकेट पहने हुए जवान उतरे।
थोड़ी देर में वे फंसे व्यक्ति को ऊपर ले आये। इसके बाद उसे तट पर लाया गया। फिर उसे उल्टा किया गया। डूबने के दौरान कुछ पानी शरीर में चले गया था जिसे उल्टा कर निकाला गया। रेस्क्यू आपरेशन काफी हाइटेक रहा।
नगर सेना के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम में माकड्रिल के इस रेस्क्यू आपरेशन में हिस्सा लिया। इस माकड्रिल के दौरान कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी मौजूद थे। रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि आपरेशन पूरा करने के लिए हाइटेक संसाधनों का उपयोग किया गया।
इलेक्ट्रानिक कटर का बाढ़ आपदा में उपयोग किया गया। इमरजेंसी लाइट सिस्टम किस तरह काम करती है। यह भी बताया गया। चूंकि पानी में फंसा आदमी रेस्क्यू के दौरान काफी पानी पी चुका होता है इसलिए इसे निकालने का भी खास तरीका होता है।
इसे भी डिस्प्ले किया गया। कलेक्टर डा. भुरे ने टीम को बधाई देते हुए कहा कि आधे घंटे के भीतर आपने जिस कौशल का प्रदर्शन किया, वो शानदार रहा। निश्चित रूप से जांजगीर में राहुल को बोरवेल के लिए खुदे गड्ढे से निकालने का आप लोगों का काम शानदार रहा है।
इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी आपकी तारीफ की है। संकट के समय घंटों तक सहायता के लिए उपलब्ध रहना और तेजी से रणनीति से काम करना काबिलेतारीफ बात है। आज यहां शिवनाथ नदी के किनारे माकड्रिल हुई।
दुर्ग जिला बाढ़ के मामने में कम संवेदनशील है लेकिन ऐसी किसी परिस्थिति की आशंका के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। आप लोग हमेशा एलर्ट रहिये। इसके अलावा नजदीकी जिलों में भी आपकी जरूरत पड़ सकती है।
उल्लेखनीय है कि बाढ़ आपदा से पीड़ित को निकालने के इस माकड्रिल को देखने बड़ी संख्या में लोग भी जुटे थे और उन्होंने देखा कि किस तरह व्यावहारिक रणनीति ऐसी आपदा की स्थिति में निकाली जा सकती है।
उल्लेखनीय है कि जिले में बाढ़ आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। इसके लिए कंट्रोल रूम आरंभ हो गया है। हालात पर निरंतर नजर रखी जा रही है। बाढ़ जैसी आपात स्थिति में निचले इलाके में रहने वाले लोगों के लिए सुरक्षित आश्रय भी चिन्हांकित कर लिया गया है
तथा यहां खाद्य पदार्थ-दवाईयां आदि उपलब्ध कराने की दिशा में तैयारी पूरी कर ली गई है। इस दौरान अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, श्री प्रवीण वर्मा एवं अनुविभागीय अधिकारी मुकेश रावटे भी उपस्थित थे।