भिलाई [न्यूज़ टी 20] साधारण परिवार से आने वाले बच्चों और युवाओं के लिए स्मार्टफोन उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है। स्मार्टफोन को लेकर वे इतने सेंसिटिव हो गए हैं कि उसके लिए अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा देते हैं।
ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा शुक्रवार शाम अलवर में हुआ। जयपुर हिसार-पैसेंजर से अपने गांव लौटते वक्त 24 साल का युवक के हाथ से फोन छिटक कर ट्रैक पर गिर गया। युवक ने पहले तो चेन पुलिंग की कोशिश की।
ट्रेन नहीं रुकी तो मोबाइल के लिए वह चलती ट्रेन से कूद गया। गिरने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 14 हजार की नौकरी करने वाले रघुराम के पिता मिट्टी के बर्तन बनाते हैं और वह परिवार का सहारा था। परिवार ने उसकी आंखें दान कर दी हैं।
चेन खींची लेकिन ट्रेन नहीं रुकी, तो कूदा
अलवर जीआरपी के एसएचओ लक्ष्मण सिंह ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 8 बजे सूचना मिली कि हिसार-जयपुर ट्रेन से बसवा निवासी रघुराम अपने गांव जा रहा था। अलवर रेलवे जंक्शन से ट्रेन आगे बढ़ी तो वह गेट के पास खड़ा होकर मोबाइल पर बात करने लगा।
ईटाराणा पुलिया के करीब रघुराम का मोबाइल हाथ से छूटकर ट्रैक पर जा गिरा। स्मार्टफोन गिरा तो रघुराम बेचैन हो गया। उसने भागकर चेन खींची, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी। उसकी बेचैनी बढ़ती गई।
वह मोबाइल के लिए चलती ट्रेन से कूद पड़ा। ट्रैक पर गिरने से उसकी मौत हो गई। जीआरपी पुलिस ने शनिवार सुबह शव का पोस्टमाॅर्टम कराकर परिजनों को सुपुर्द किया।
आंखें दान कर दीं, ताकि किसी और को रोशनी मिले
रघुराम के चचेरे भाई हनुमान ने बताया कि रघुराम नीमराणा में हीरो की फैक्ट्री में काम करता था। रघुराम छुट्टी पर नीमराणा से अपने गांव बसवा लौट रहा था। रेवाड़ी से वह हिसार-जयपुर पैसेंजर में चढ़ा था। ट्रेन से गिरकर उसकी मौत हो गई। हमने उसकी आंखें दान कर दी। ताकि उसकी आंखों की रोशनी किसी और के काम आ सके।
उसने आईटीआई किया था। दो भाई और एक बहन का बचपन बेहद गरीबी में बीता था। दोनों भाई नौकरी कर घर चला रहे थे। ऐसे में स्मार्टफोन ही रघुराम की दौलत था। मोबाइल के लिए उसने जान दे दी।