By POORNIMA

भिलाई/बिलासपुर

डॉ. प्रमोद महाजन को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर के हटाए जाने के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक

यह कि डॉ. प्रमोद महाजन, जो कि वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर बिलासपुर में पदस्थ हैं। दिनांक 24/06/2022 के आदेश के द्वारा डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव, चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रतनपुर, जिला बिलासपुर में पदस्थ हैं, जिनको अस्थायी रूप से आगामी आदेश तक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बिलासपुर का प्रभार सौंपा गया है। उक्त आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. अनिल श्रीवास्तव द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बिलासपुर का कार्यभार ग्रहण करने पर डॉ. प्रमोद महाजन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, बिलासपुर के प्रभार से मुक्त होंगे। उक्त आदेश से क्षुब्ध होकर डॉ. प्रमोद महाजन ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, सन्दीप सिंह एवं नरेन्द्र मेहेर के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय में याचिका प्रस्तुत की।

मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामन्त जी की कोर्ट में हुई। याचिका में यह उल्लेख किया गया कि दिनांक 27/05/2019 के द्वारा डॉ. प्रमोद महाजन को स्थानान्तरित करते हुए, जो कि ईएनटी विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय बिलासपुर में पदस्थ थे, उनको मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ किया गया उपरोक्त स्थानान्तरण आदेश मे समन्वय में माननीय मुख्यमन्त्री जी का अनुमोदन भी प्राप्त किया गया था। उक्त आदेश के परिपालन में डॉ. प्रमोद महाजन ने अपनी उपस्थिति सीएमएचओ के पद पर दे दी थी। 10 मार्च 2022 को डॉ. महाजन को वर्तमान कर्तव्यों, जो कि सीएमएचओ बिलासपुर के साथ-साथ आगामी आदेश तक सम्भागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएँ बिलासपुर सम्भाग, बिलासपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था।

अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने आज माननीय हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता का पक्ष रखते हुए यह उल्लेख किया कि इनकी पदस्थापना दिनांक 27/05/2019 सीएमएचओ बिलासपुर के पद पर समन्वय में अनुमोदन प्राप्त कर किया गया था, जबकि वर्तमान आदेश दिनांक 26/06/2022 केवल अवर सचिव छत्तीसगढ़ शासन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा जारी किया गया है, जिसमें माननीय मुख्यमन्त्री का समन्वय में अनुमोदन प्राप्त नहीं किया गया है तथा उपरोक्त आदेश में सिर्फ यह उल्लेख कर दिया गया था कि डॉ. प्रमोद महाजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर के प्रभार से मुक्त होंगे, इसमें यह उल्लेखित नहीं किया गया है कि वे कहाँ स्थानान्तरित किए जाएँगे या वे कहाँ कार्य करेंगे। चूँकि याचिकाकर्ता की मूल पदस्थापना सीएमएचओ बिलासपुर है एवं 10 मार्च 2022 के आदेश के द्वारा याचिकाकर्ता को संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवाएँ बिलासपुर का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था, इसलिए मूल पद पर न रहते हुए अतिरिक्त प्रभार का कोई औचित्य नहीं होता है। साथ ही यह भी उल्लेख किया गया कि चूँकि डॉ. प्रमोद महाजन वरिष्ठ ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं एवं डॉ. • अनिल श्रीवास्तव काफी जूनियर मेडिकल ऑफिसर हैं, इसलिए प्रभार पर वरिष्ठ अधिकारी को ही पदस्थ किया जाता है, जिसका उल्लेख सामान्य प्रशासन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के पत्र दिनांक 07/02/2013 में किया गया है और मुख्य सचिव छ.ग. शासन ने अपने पत्र दिनांक 14/07/2014 में भी उल्लेख किया है कि 07 फरवरी 2013 के पत्र का पालन सुनिश्चित किया जावे।

यह कि सुनवाई के उपरान्त माननीय उच्च न्यायालय ने सचिव अवर सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन, संचालक, संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ, छ.ग. शासन एवं डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव को नोटिस जारी करने के साथ-साथ याचिकाकर्ता के मामले में अन्तरिम राहत प्रदान करते हुए 24 जून 20 आदेश पर रोक लगा दी है। साथ ही यह उल्लेख किया है कि यह रोक उप के क्रियान्वयन न होने पर लागू होगी

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