भिलाई [न्यूज़ टी 20] कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में मानव तस्करी का मामला सामने आया है. ये तस्करी भी कोई और नहीं, बल्कि सीआईएसएफ पति और उसकी पत्नी कर रहे थे. दुर्री पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
दोनों झारखंड के एक परिवार को रुपये का लालच देकर उनकी 8 साल की बेटी ले आए और उसे शारीरिक-मानसिक प्रताड़ित करने लगे. बाल कल्याण समिति बच्ची से अभी और भी जानकारी ले रही है.
पुलिस ने बताया कि संदीप उरांव और उसकी पत्नी जगरानी खाका केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में हवलदार के पद पर पदस्थ हैं. उन्होंने झारखंड के गुमला थाना क्षेत्र के ग्राम जोरिया में रहने वाली एक महिला की आर्थिक तंगी का फायदा उठाया.
दोनों महिला की 8 साल की बेटी को अपने घर दर्री सीआइएसएफ कॉलोनी ले आए. उन्होंने मासूम की मां को भरोसा दिलाया था कि घर का थोड़ा बहुत कामकाज करेगी और इसके बदले उसे खाना पीना, कपड़ा सहित सारी सुविधाएं दी जाएंगी.
इसके अलावा महिला को हर महीने एक हजार रुपये भेजेंगे. पति-पत्नी ने बच्ची की शिक्षा का भी लालच दिया. बच्ची के बेहतर भविष्य के लिए उसकी मां राजी हो गई.
मौका मिलते ही भाग निकली बच्ची
जानकारी के मुताबिक, 27 फरवरी को कोरबा लाने के बाद आरोपियों ने मासूम पर झाडू-पोछा, बर्तन और कपड़े धोने सहित कई कामों का बोझ डाल दिया. कुछ दिनों तक बच्ची सबकुछ सहती रही, लेकिन मौका मिलते ही घर से भाग निकली.
जब वह बाजार में अकेले यहां-वहां भटक रही थी, तो एक एक व्यक्ति की उस पर नजर पड़ी. उसने डायल 112 को इसकी सूचना दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस की टीम बच्ची को लेकर दर्री थाना पहुंची.
बच्ची ने सुनाई आपबीती
पुलिस ने नियमानुसार बच्ची को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया. समिति की काउंसिलिंग के दौरान बच्ची ने आपबीती सुनाई. समिति की रिपोर्ट के आधार पर दर्री पुलिस ने सीआइएसएफ के जवान व उसकी पत्नी के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया.
पीड़ित बच्ची ने बताया कि आठ मार्च की रात को जगरानी ने उसे झाडू से पीटा था. इसलिए वह बेहद डर गई थी. साथ ही भरपेट भोजन भी नहीं दिया जाता था. इसलिए वह किसी को कुछ बिना बताए घर से भाग गई.
बच्ची को फिलहाल रामपुर स्थित बालिकागृह में रखा गया है. इसकी सूचना मिलने पर उसकी मां झारखंड से उसे लेने कोरबा पहुंच गई है.