
भिलाई [न्यूज़ टी 20] आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले के विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल में युवती से गैंगरेप का मामला सामने आया है। इस केस में इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
इन पर तीन दिन पहले माता-पिता की ओर से 23 वर्षीय बेटी के लापता होने के बारे में की गई शिकायत की अनदेखी करने का आरोप है। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए,

पुलिस महानिदेशक के आर वी राजेंद्रनाथ रेड्डी ने जे आर के हनीश बाबू और पुलिस उप-निरीक्षक श्रीनिवास राव को लापरवाही के लिए निलंबित करने की घोषणा की।
सीएम जगन ने यह भी निर्देश दिया है कि विजयवाड़ा सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। अस्पताल के मुख्य अधीक्षक और निवासी चिकित्सा अधिकारी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
तीनों आरोपियों की पहचान एक फॉगिंग एजेंसी के कर्मचारी के रूप में की गई, जिसे ठेकेदार ने सफाई और फॉगिंग के लिए लगाया था। सीएमओ की विज्ञप्ति में कहा गया,
“मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अस्पताल के लिए ठेका देने वाली सुरक्षा एजेंसी और फॉगिंग एजेंसी की सेवाएं भी समाप्त की जाएं।”
जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक को घटना की पूरी जांच करने के लिए कहा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
अस्पताल में महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म को गंभीरता से लेते हुए जगन ने शहर के बीचोबीच हुई घटना पर दुख जताया। उन्होंने पुलिस विभाग से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा है।
पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता राशि
मुख्यमंत्री ने बलात्कार पीड़िता के परिवार को सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की राशि देने की भी घोषणा की। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को परिवार को हर संभव सहायता देने का निर्देश दिया।
विजयवाड़ा के पुलिस आयुक्त टी कंठी राणा टाटा ने बताया कि आरोपियों की पहचान दारा श्रीकांत (26), चेन्ना बाबू राव (23) और जे पवन कल्याण के रूप में हुई है, जो अस्पताल के कीट नियंत्रण ठेकेदार के साथ फॉगिंग ऑपरेटर के रूप में काम करते हैं।
सरकारी अस्पताल में नौकरी दिलाने का वादा करके बुलाया
पुलिस आयुक्त ने कहा कि श्रीकांत ने 23 वर्षीय महिला से दोस्ती की और उसे सरकारी अस्पताल में नौकरी दिलाने का वादा किया। 19 अप्रैल को उसने उसे अस्पताल बुलाया
और उसे आउट पेशेंट ब्लॉक की दूसरी मंजिल में एक कमरे में ले गया, जहां वह अपनी फॉगिंग सामग्री रखता था। उसी रात श्रीकांत ने उसका यौन उत्पीड़न किया।
बाद में उसने अपने सहयोगियों बाबू राव और पवन कल्याण को बुलाया, जिन्होंने अगले दो दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया। उन्होंने कमरे से बाहर आने पर उसे गंभीर नतीजे भुगतने की धमकी दी।
