भिलाई [न्यूज़ टी 20] रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन आज सदन में पंचायत मंत्री के इस्तीफे के पत्र का मुद्दा छाया रहा। हंगामा होने पर पहले दस मिनट के लिए और फिर कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इसके पहले विपक्ष ने शून्यकाल में इस पर चर्चा कराने की मांग की, जिस पर आसंदी ने जानना चाहा
कि किस नियम के तहत इस पर चर्चा करना चाहते हैं? नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा सहित अन्य सदस्यों ने इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर उनके मंत्री ने अविश्वास किया है, साजिश का आरोप लगाया है तो यह संवैधानिक संकट की स्थिति है।
जब तब इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, तब तक सदन नहीं चलने देंगे। भाजपा सदस्यों ने कहा कि मंत्री मुख्यमंत्री को गोपनीय पत्र लिखें तो कोई मुद्दा नहीं है लेकिन मंत्री सिंहदेव ने जो आरोप लगाए हैं, वे सार्वजनिक हुए हैं तो यह गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन है।
भाजपा सदस्यों की ओर से जारी सवालों की बौछार के बीच जनता कांग्रेस के सदस्य धर्मजीत सिंह ने टिप्पणी की कि छत्तीसगढ़ में हसदेव और सिंहदेव दोनों संकट में हैं। अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि जो भी टिप्पणी आपत्ति जनक होगी, वह विलोपित कर देंगे। सदन में इस मामले पर गर्मागर्म बहस के बीच कांग्रेस सदस्यों ने मोर्चा सम्हाला।
प्रतिपक्ष ने कहा कि मंत्री सिंहदेव सदन में नहीं हैं इसलिए मुख्यमंत्री को इस मामले में जवाब देना चाहिए। स्पीकर डॉ. महंत ने सदन को जानकारी दी कि मंत्री सिंहदेव की आवकाश सूचना प्राप्त हुई है। विपक्षी हंगामा बढ़ने पर सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।